नई दिल्ली: भारत की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और सामरिक सक्रियता के बीच, रेल मंत्रालय ने भी देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाया है. मंत्रालय ने सभी रेलवे ज़ोन को एक सख्त सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां भारतीय सैन्य ट्रेनों की मूवमेंट से जुड़ी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही हैं.
इस चेतावनी के तहत, रेलवे अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी परिस्थिति में ऐसी जानकारी केवल अधिकृत सैन्य एजेंसी ‘मिल रेल’ के साथ ही साझा की जा सकती है.
रणनीतिक हमलों के बाद जारी हुआ सुरक्षा संदेश
रेल मंत्रालय की यह एडवाइजरी 6 मई को जारी की गई, जो भारतीय सेना द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई मिसाइल स्ट्राइक से ठीक पहले का दिन था. यह समयबद्धता बताती है कि भारतीय एजेंसियां पहले से संभावित खतरे की आशंका को भांप चुकी थीं और रेलवे जैसे अहम लॉजिस्टिक नेटवर्क को सतर्क कर दिया गया था.
सोशल इंजीनियरिंग हमलों से बचाव का निर्देश
रेलवे बोर्ड ने सभी प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर्स (PCOMs) को सूचित किया है कि खुफिया एजेंसियों के एजेंट फोन कॉल, मैसेज या अन्य माध्यमों से रेलवे कर्मियों से संपर्क कर सकते हैं और सैन्य ट्रेनों की आवाजाही से जुड़ी जानकारियां हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं.
ऐसे में बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति ऐसी जानकारी मांगता है, तो उसे तत्काल मना कर दिया जाए और मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाए.
जानकारी साझा करना होगा राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन
रेल मंत्रालय ने दोहराया है कि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को इस प्रकार की गोपनीय जानकारी देना सिर्फ रेलवे नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ सीधा समझौता माना जाएगा. ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय
रेलवे लॉजिस्टिक्स भारत की सैन्य तैयारी का एक महत्वपूर्ण आधार है — चाहे वह सीमावर्ती इलाकों में जवानों की तैनाती हो या हथियारों की आपूर्ति. मौजूदा संदर्भ में, जब भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाए हुए है, रेलवे को हाई अलर्ट पर रखना रणनीतिक आवश्यकता बन चुकी है.
आतंक के खिलाफ सटीक जवाब
गौरतलब है कि 7 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित दायरे में हमला किया. यह कार्रवाई हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी. सेना ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में केवल आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया, किसी सैन्य या नागरिक ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया गया.
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