कोलकाता (पश्चिम बंगाल) : सीपीआई(एम) सांसद और कोलकाता रेप मामले पीड़ित परिवार के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बलात्कार विरोधी बिल, अपराजिता की आलोचना करते हुए कहा कि यह "एकदम बेकार" है, जिसका उद्देश्य मुद्दे को वास्तविक तौर से एड्रेस करने के बजाय केंद्र सरकार से टकराव करना है.
#WATCH | Kolkata: On the anti-rape bill brought by the West Bengal government, CPI(M) MP and Counsel for RG Kar victim’s family, Bikash Ranjan Bhattacharya says, "They have the legislative power to enact a law, and accordingly, they have brought a bill but this is absolutely… pic.twitter.com/aOMHtY6ebD
— ANI (@ANI) September 4, 2024
भट्टाचार्य ने यह भी आरोप लगाया कि बनर्जी का विधेयक महज दिखावा है और लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से भटकाने का प्रयास है.
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इससे आखिरकार किसी को फायदा नहीं होगा : विकास रंजन
विकास रंजन ने कहा, "उनके पास कानून बनाने की विधायी शक्ति है और इसी के अनुसार उन्होंने विधेयक लाया है, लेकिन यह बिल्कुल बेकार है. कोई भी एजेंसी एक निश्चित अवधि में जांच पूरी नहीं कर सकती और फिर ट्रायल के लिए जाकर उसे एक निश्चित समय में खत्म नहीं कर सकती. ये सब लोकलुभावन बातें हैं. इससे आखिरकार किसी को कोई फायदा नहीं होगा. इससे उन्हें केंद्र के खिलाफ लड़ने के लिए एक और कदम आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा, क्योंकि सबसे अधिक संभावना है कि राष्ट्रपति इस विधेयक को मंजूरी नहीं देंगे. वे फिर से केंद्र के खिलाफ चिल्लाते रहेंगे, यही इस विधेयक को पेश करने का कारण है. इसके अलावा और कुछ नहीं."
उन्होंने कहा, "हद पार हो चुकी है, लोग इस प्रशासन के खिलाफ पूरी तरह से निराश और उत्तेजित हैं. उन्होंने लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने का प्रयास किया है."
पश्चिम बंगाल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ है बिल
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) 2024 पारित कर दिया, जो 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या के बाद आया है.
विधेयक 2024 को पेश करने के बाद विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह विधेयक महिलाओं की गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए लाया जा रहा है और अगर बंगाल के साथ दुर्व्यवहार किया गया तो इसका व्यापक असर होगा.
उन्होंने कहा, "आज हम महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक ला रहे हैं. अगर बंगाल के साथ बुरा व्यवहार किया गया, तो इसका असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ेगा."
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