'डेमचोक, देपसांग में वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग शुरू हुई', LAC से भारत-चीन सैनिकों की वापसी पर MEA ने कहा

    एक अहम कूटनीतिक विकास में, भारत और चीन ने रूस के कज़ान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके द्वपक्षीय बैठक के दौरान बनाई है आपसी सहमति.

    'डेमचोक, देपसांग में वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग शुरू हुई', LAC से भारत-चीन सैनिकों की वापसी पर MEA ने कहा
    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : डेमचोक और देपसांग में गश्त का वेरिफिकेशन शुरू हो गया है, जिससे सैनिकों की वापसी पूरी तरह से तय होने के बाद कोऑर्डिनेशन की गश्त शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है, विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.

    यह घटनाक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था पर हुए समझौते के बाद हुआ है, जिससे 4 साल से चल रहा सैन्य गतिरोध खत्म हो जाएगा.

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेसवार्ता में कहा, "21 अक्टूबर, 2024 को भारत और चीन के बीच सैनिकों की वापसी के अंतिम चरण पर सहमति बनी थी. लिहाजा डेमचोक और देपसांग में पारस्परिक रूप से सहमति को लेकर बनी शर्तों पर वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग शुरू हो गई है. हम आपको अपडेट रखेंगे."

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    भारत और चीन ने रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान किया था समझौता

    विशेष रूप से, एक अहम कूटनीतिक विकास में, भारत और चीन ने रूस के कज़ान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर 5 वर्षों में अपनी पहली द्विपक्षीय वार्ता की, जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबे समय से सैन्य गतिरोध से प्रभावित हुए हैं.

    जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कज़ान में बैठक हुई. यह द्विपक्षीय रूप से तय किया गया था."

    2020 से जारी तनाव को दूर करने में सैन्य कमांडर शामिल रहे

    विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कज़ान में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि "यह समझौता पिछले कई हफ्तों में राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर चीनी वार्ताकारों के साथ व्यापक चर्चा का परिणाम है."

    उन्होंने कहा कि सैन्य कमांडर 2020 से जारी तनाव को दूर करने के उद्देश्य से बातचीत में शामिल रहे हैं. मिस्री ने बताया कि यह समझौता 2020 में महत्वपूर्ण टकरावों के दौरान पैदा हुए अलगाव और संभावित समाधान की दिशा में एक रास्ते को दिखाने वाला है. उन्होंने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़पों को याद किया, विशेष रूप से जून 2020 में हुई हिंसक मुठभेड़ों पर बात हुई, जिससे दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए थे.

    "वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ कई क्षेत्रों में, हमने विभिन्न स्तरों पर सैन्य कमांडरों के साथ बैठक के जरिए राजनयिक और साथ ही सैन्य स्तरों पर चीनी वार्ताकारों के साथ चर्चा की. इन चर्चाओं के नतीजे के तौर पर अतीत में विभिन्न स्थानों पर गतिरोध का समाधान हुआ था."

    मिस्री ने कहा, "कुछ स्थान और क्षेत्र ऐसे हैं, जहां गतिरोध का समाधान नहीं हो पाया है."

    इस अलगाव को 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में पहला ठोस कदम माना जा रहा है.

    जून 2020 में गलवान घाटी मे झड़प में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए थे

    जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए थे, दशकों बाद दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर संघर्ष हुआ था.

    इसके अतिरिक्त, LAC के साथ अन्य क्षेत्रों में समझौते हुए हैं. भारत और चीन ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, इस बात को अंडरलाइन किया कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता उनके संबंधों की नींव होनी चाहिए.

    पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि द्विपक्षीय संबंधों के सामान्यीकरण के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना आवश्यक है.

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