Vat Savitri Vrat 2024:
अपने पति और परिवार की दीर्घ आयु के लिए सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखा करती हैं. इस बार 6 जून को इस व्रत को रखा जाने वाला है. मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार ही जब सावित्री के पति सत्वान के प्राण लेने यमराज पहुंचे थे. ऐसा करने में यमराज भी सफल नहीं हो पाए और उन्हें यमलोक वापस लौटना पड़ा. इसलिए इस दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री का व्रत रखा करती हैं.
जान लें शुभ मुहूर्त
इस व्रत को रखने से पहले उससे जुड़ी कुछ बाते जैसे शुभ मुहूर्त का जानना बेहद ही आवश्यक है. आपको बता दें कि ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि 05 जून, 2024 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो रही है. साथ ही इस तिथि का समापन 06 जून को दोपहर 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत 06 जून गुरुवार के दिन किया जाएगा.
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क्या है पूजन विधि
अगर आप पहली बार इस व्रत को रख रही हैं, तो इस बात का ध्यान रखिए. सबसे पहले सुबह उठकर आपको स्नान करना होगा. इसके बाद लाल रंग की साड़ी को पहने और साज श्रृंगार कीजिए. इस दिन पर वट वृक्ष के पेड़ के नीचे साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें. अब उस वृक्ष पर जल अर्पित कीजिए. इसी के साथ उसी वृक्ष के नीचे धूप, अगरबत्ती आदि जलाएं.अब इस वृक्ष के सात बार चक्कर काटते हुए चारों और आपको धाहा बांधते हुए पेड़ की परिक्रमा करनी है. इतना करने के बाद इस व्रत से संबंधित कथा को सुनिए और पूजा के बाद जो फल, फूल, अनाज और कपड़ा आदि एक टोकरी में रख कर किसी ब्राह्मण को दान कर दें. लेकिन अगर आप पहली बार इस व्रत को रख रही है तो कुछ बातों को ख्याल भी आपको रखना होगा.
इन बातों का रखें खास ख्याल
यदि कोई भी महिला पहली बार इस व्रत को रखने जा रही है, तो इसके लिए आपको कुछ बातों को ध्यान रखना होगा. आप इस दिन भूल कर भी काले रंग के या फिर सफेद रंग के कपड़ों को न पहने. इसी के साथ श्रृंगार में इस रंग की चूड़ियां या फरि बिंदी का भी इस्तेमाल मत कीजिए. इसके साथ ही यह माना गया है कि वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनों महिलाओं को सुहाग की सामग्री दान करने से दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है.
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