2014 के बाद से वाराणसी के बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ में पर्यटकों की अप्रत्याशित वृद्धि, केंद्र-राज्य सरकार का विशेष ध्यान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में की गई विकास पहलों के कारण वाराणसी (Varanasi) के बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ में घरेलू पर्यटन में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है. सारनाथ (Sarnath) भगवान बुद्ध से जुड़े चार महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है और इसे बौद्ध धर्म का जन्मस्थान कहा जाता है.

    SARNATH TOURIST PLACES/ Twitter
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    SARNATH TOURIST PLACES

    सारनाथ:
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में की गई विकास पहलों के कारण वाराणसी (Varanasi) के बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ में घरेलू पर्यटन में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है. सारनाथ (Sarnath) भगवान बुद्ध से जुड़े चार महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है और इसे बौद्ध धर्म का जन्मस्थान कहा जाता है.

    सारनाथ के एक पर्यटक गाइड विनोद सिंह ने पत्रकार से बात करते हुए कहा, "2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद से सारनाथ का बहुत विकास हुआ है. पहले, ज्यादातर विदेशी पर्यटक सारनाथ आते थे, लेकिन अब, पीएम मोदी के नेतृत्व में की गई पहल के कारण घरेलू पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है." 

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    2014 से घरेलू पर्यटन बढ़ा 

    पर्यटक गाइड ने आगे कहा, "जो पर्यटक गंगा घाट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर देखने आते हैं, उन्हें सारनाथ भी जाना चाहिए. 2014 से घरेलू पर्यटन बढ़ रहा है. बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है. जी20 में बहुत सारे विकास कार्य किए गए. अगर पीएम मोदी को एक और कार्यकाल मिलता है तो आने वाले वर्षों में सारनाथ एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा.”

    पर्यटन को बढ़ावा दे रही केंद्र और राज्य सरकार 

    उन्होंने कहा, "जिन सड़कों पर पहले कोई चारदीवारी नहीं थी, उन्हें विकसित किया गया है. ऑनलाइन टिकटिंग प्रणाली, शौचालय और पेयजल आपूर्ति प्रणाली जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं. केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई गतिविधियां आयोजित करती हैं."

    हर दिन लाखों भक्त विश्वनाथ मंदिर में कर रहे दर्शन 

    सारनाथ घूमने आए एक पर्यटक ने बताया "सारनाथ में बहुत सारे स्थानीय पर्यटक हैं. अच्छी बुनियादी सुविधाओं के कारण न केवल सारनाथ में बल्कि वाराणसी में भी पर्यटन बढ़ा है. वाराणसी में देव दीपावली, चिता भस्म होली या मसान होली मनाए जाने के एक दिन बाद, एक ही दिन में लगभग 15 लाख भक्तों ने विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए.''

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