भारत पर टैरिफ लगा खुद फंसे ट्रंप! अमेरिकी संस्था ने भारी महंगाई को लेकर राष्ट्रपति को चेताया, जानें पूरा मामला

    Trump Tariffs: अगर आपको लगता है कि ट्रेड वॉर सिर्फ व्यापारियों या सरकारों के बीच की बात है, तो ज़रा फिर सोचिए. अमेरिका की आम रसोई में जो दालचीनी की मिठास है या काली मिर्च की तीखी सुगंध, वह अब जेब पर भारी पड़ सकती है.

    Trump himself got trapped by imposing tariff on India warned about high inflation
    Image Source: ANI/ File

    Trump Tariffs: अगर आपको लगता है कि ट्रेड वॉर सिर्फ व्यापारियों या सरकारों के बीच की बात है, तो ज़रा फिर सोचिए. अमेरिका की आम रसोई में जो दालचीनी की मिठास है या काली मिर्च की तीखी सुगंध, वह अब जेब पर भारी पड़ सकती है. वजह है, अमेरिका द्वारा भारत से आयातित मसालों पर लगाया गया 50% टैरिफ, जिसने केवल व्यापार ही नहीं, बल्कि खाने के स्वाद और लागत दोनों पर असर डालना शुरू कर दिया है.

    अमेरिकन स्पाइस ट्रेड एसोसिएशन (ASTA) ने बुधवार को चेतावनी दी कि यह टैरिफ रसोइयों, होटल इंडस्ट्री और खाद्य उत्पाद निर्माताओं की लागत को सीधे प्रभावित करेगा.

    भारत से मसालों का बड़ा आयात करता है अमेरिका

    अमेरिकी कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में अमेरिका ने भारत से 41 करोड़ डॉलर से अधिक के मसाले आयात किए. इनमें दालचीनी, जायफल, काली मिर्च और लौंग जैसे आवश्यक मसाले शामिल हैं, जो उष्णकटिबंधीय जलवायु में ही पनपते हैं और अमेरिका में इनका उत्पादन सीमित है.

    मसालों पर टैरिफ से कौन प्रभावित होगा?

    ASTA की कार्यकारी निदेशक लारा शुमो ने बताया कि इन टैरिफ का उद्देश्य न तो अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देना है और न ही स्थानीय रोजगार को. उल्टे, यह नीति अमेरिकी खाद्य निर्माताओं, रेस्तरां और अंततः आम उपभोक्ताओं पर "अनुचित आर्थिक बोझ" डाल रही है.

    9 करोड़ डॉलर तक का नुकसान झेल सकती हैं कंपनियां

    मसालों की दिग्गज कंपनी 'मैककार्मिक' ने पहले ही आगाह कर दिया है कि अगर टैरिफ की यही नीति जारी रही, तो कंपनी को सालाना 90 मिलियन डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) तक का नुकसान हो सकता है. यह नुकसान खुदरा कीमतों के बढ़ने और कम उपभोग के रूप में आम जनता तक पहुंचेगा.

    भारत बना एशिया में सबसे अधिक टैरिफ झेलने वाला देश

    ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद भारत एशिया में अमेरिका का सबसे अधिक टैरिफ झेलने वाला व्यापारिक साझेदार बन गया है. भारत और ब्राजील दोनों ही देश अब 50% तक की भारी दर से आयात शुल्क भुगत रहे हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए यह व्यापार अस्थिर हो गया है.

    चीन ने भी जताई नाराजगी

    इस बीच, ट्रंप की टैरिफ नीति पर चीन ने भी नाराजगी जताई है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन बताते हुए अमेरिका पर "टैरिफ को हथियार" बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत सहित कई देशों पर आर्थिक दबाव बनाना, वैश्विक व्यापार की भावना के खिलाफ है.

    यह भी पढ़ें- भारत पर ट्रंप के टैरिफ को लेकर इजरायली पीएम नेतन्याहू का पहला रिएक्शन, बोले- 'इस मुद्दे को...'