ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों की औपचारिक सुनवाई शुरू हो गई है. रविवार को मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने ढाका स्थित ट्राइब्यूनल में मामले से जुड़े आरोप प्रस्तुत किए.
यह ट्रायल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर शुरू हुआ है, जब हसीना वर्तमान में भारत में रह रही हैं और बांग्लादेश सरकार ने उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है. ट्राइब्यूनल द्वारा गठित जांच एजेंसी ने 12 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें जुलाई 2024 के दौरान हुए राजनीतिक आंदोलन में कथित रूप से मानवाधिकार उल्लंघनों के पांच प्रमुख आरोप लगाए गए हैं.
रिपोर्ट में गंभीर आरोप
जांच रिपोर्ट के अनुसार, उस समय हुई हिंसा में 1,500 से अधिक लोगों की जान गई और 25,000 से ज्यादा लोग घायल हुए. आरोप है कि यह घटनाएँ सरकार विरोधी प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के प्रयास में हुईं, जिनमें सुरक्षा बलों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. ट्राइब्यूनल का कहना है कि उपलब्ध साक्ष्य गंभीर हैं और इनकी न्यायिक समीक्षा आवश्यक है.
तख्तापलट और आतंकी संगठनों की भूमिका
इस बीच, पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JUD) के कुछ सदस्यों ने दावा किया है कि उन्होंने बांग्लादेश में सरकार विरोधी आंदोलन को समर्थन दिया, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी. लाहौर में दिए गए एक बयान में संगठन के सदस्य सैफुल्लाह कसूरी ने कहा कि उनका उद्देश्य 1971 के विभाजन का "बदला लेना" था.
हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
तख्तापलट के बाद बनी नई अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ देशद्रोह, हत्या, अपहरण समेत 225 से अधिक आपराधिक मामलों की सूची तैयार की है. इसके तहत उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया और अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल ने उन्हें फरवरी तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया था.
भारत में रह रहीं शेख हसीना
शेख हसीना अगस्त 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद से भारत में हैं. बांग्लादेश सरकार ने उन्हें प्रत्यर्पित करने की अपील भारत सरकार से की थी. हालांकि, भारत द्वारा उनका वीजा विस्तार दिए जाने के बाद यह स्पष्ट संकेत मिला कि फिलहाल उन्हें बांग्लादेश नहीं भेजा जाएगा.
इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस की मांग
बांग्लादेश पुलिस ने अप्रैल 2025 में इंटरपोल से शेख हसीना और उनके 11 सहयोगियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी. यदि नोटिस जारी होता है, तो यह उन्हें किसी भी देश में पहचानकर हिरासत में लेने और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में मदद करेगा.
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