नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को तिरुपति के प्रसादम में मिलावट की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की.
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "मैं तिरुपति लड्डू में मिलावट के मुद्दे की जांच के लिए सीबीआई, एपी पुलिस और एफएसएसएआई के अधिकारियों वाली एसआईटी गठित करने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं. सत्यमेव जयते. ओम नमो वेंकटेशाय."
विपक्षी वाईएसआरसीपी ने इसे टीडीपी और सीएम चंद्रबाबू नायडू के लिए झटका माना.
यह भी पढ़ें : मराठी को क्लासिकल भाषा का दर्जा देने पर शरद पवार बोले- फैसला लेने में देरी, लेकिन केंद्र सरकार को धन्यवाद
विपक्षी पार्टी ने कहा- लड्डू न करें राजनीतिक टिप्पणी
वाईएसआरसीपी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "लड्डू पर राजनीतिक टिप्पणी न करें.. ड्रामा न बनें. चंद्रबाबू और गठबंधन सरकार के नेताओं की सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आलोचना की थी. व्यापक जांच के लिए सीबीआई निदेशक की निगरानी में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था."
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू बनाने में जानवरों के वसा के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. यहां भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है.
जस्टिस गवई, विश्वानाथन की पीठ करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी बताया
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि तिरुमाला प्रसादम से दुनिया भर के करोड़ों भक्तों की भावनाएं जुड़ी हैं. पीठ ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा, "हम नहीं चाहते कि यह राजनीतिक ड्रामा बन जाए. अगर कोई स्वतंत्र निकाय होगा, तो विश्वास बना रहेगा."
सर्वोच्च न्यायालय ने एक नई एसआईटी गठित की और आदेश दिया कि एसआईटी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें सीबीआई निदेशक नामित करेंगे, आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस के दो अधिकारी जिन्हें राज्य सरकार नामित करेगी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगा.
एसआईटी की निगरानी CBI के निदेशक करेंगे : शीर्ष अदालत
शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे और नई एसआईटी राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जगह लेगी. इसने स्पष्ट किया कि उसके निर्देश को राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी के सदस्यों की विश्वसनीयता के प्रतिबिंब के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से मंदिर में प्रसाद के लिए लड्डू तैयार करने में मिलावटी घी के इस्तेमाल के बारे में सार्वजनिक आरोप लगाने पर सवाल उठाया था. इसने इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान देने की आवश्यकता पर सवाल उठाया था, जब राज्य द्वारा आरोपों की जांच का आदेश पहले ही दिया जा चुका था.
यह भी पढे़ं : दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण- PM2.5 24 घंटे में 5.5 गुना अधिक, आनंद विहार की हवा सबसे खराब