दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण- PM2.5 24 घंटे में 5.5 गुना अधिक, आनंद विहार की हवा सबसे खराब

    दिल्ली के कुछ सबसे प्रदूषित इलाकों में आनंद विहार में 231 AQI दर्ज किया गया, मुंडका में 273 AQI दर्ज किया गया, लोनी में 201 AQI दर्ज किया गया.

    दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण- PM2.5 24 घंटे में 5.5 गुना अधिक, आनंद विहार की हवा सबसे खराब
    दिल्ली प्रदूषण के कारण बनी धुंध | Photo- ANI

    नई दिल्ली : मानसून खत्म होने के साथ ही शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने लगा है. शहर में पिछले 24 घंटों में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 166 दर्ज किया गया, जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए चुनौती है.

    दिल्ली के कुछ सबसे प्रदूषित इलाकों में आनंद विहार में 231 AQI दर्ज किया गया, मुंडका में 273 AQI दर्ज किया गया, लोनी में 201 AQI दर्ज किया गया और दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग में 243 AQI दर्ज किया गया, जिसे अस्वस्थ और खतरनाक माना जाता है.

    डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन से 5.5 गुना अधिक

    इसके अलावा, शहर में वर्तमान PM2.5 कंसंट्रेशन विश्व स्वास्थ्य संगठन के 24 घंटे के वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देशों द्वारा दी गई लिमिट से 5.5 गुना अधिक है.

    इस बीच, आस-पास के इलाकों में भी प्रदूषण बढ़ गया है. गाजियाबाद में 171, मेरठ में 184 और नोएडा में 184 AQI दर्ज किया गया.

    शिअद नेता ने हरियाणा, पंजाब के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

    इससे पहले 3 अक्टूबर को शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वह पंजाब और हरियाणा के खिलाफ कार्रवाई करे. इससे कुछ घंटे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर दोनों राज्यों को फटकार लगाई थी.

    चीमा ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा ही बहुत प्रयास किया है ताकि दिल्ली और आस-पास के इलाकों में होने वाले प्रदूषण की समस्या का समाधान हो सके, लेकिन समस्या हर साल बढ़ती जा रही है. अब सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पंजाब और हरियाणा सरकारों से बात की है."

    शिअद नेता ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील करता हूं कि वह उनके खिलाफ कार्रवाई करे...फिर वे इस पर काम करना शुरू करेंगे...हर बार वे किसानों को दोष नहीं दे सकते, उन्हें किसानों को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करनी होंगी..."

    सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग के प्रयास पर जताई निराशा

    इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण से संबंधित अपने निर्देशों को लागू करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के प्रयास पर निराशा व्यक्त की.

    सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "अनुपालन के हलफनामे से हमें पता चलता है कि सीएक्यूएम अपने निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है, एक भी मुकदमा शुरू नहीं किया गया है और आखिरी बैठक केवल 29 अगस्त को हुई थी."

    सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा राज्यों को सीएक्यूएम के निर्देशों का अनुपालन करने और एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

    सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को तय की.

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