तालिबान और पाकिस्तान के बीच फिर शुरू हुई जंग, बॉर्डर पर जमकर बरसीं गोलियां; बलूचिस्तान का क्या एंगल है?

    पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों में एक बार फिर खटास देखने को मिली है. अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत और पाकिस्तान के बलूचिस्तान के बीच स्थित डूरंड रेखा पर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई है.

    Taliban Pakistan bullets rained on border Balochistan
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों में एक बार फिर खटास देखने को मिली है. अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत और पाकिस्तान के बलूचिस्तान के बीच स्थित डूरंड रेखा पर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई है. ताजा घटनाक्रम में सीमा विवाद ने एक बार फिर से आग पकड़ ली है, जिससे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बन गया है.

    सीमा पर दो घंटे तक चली गोलीबारी

    स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह झड़प हेलमंद के बहरामचा इलाके में हुई, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है. पाकिस्तान द्वारा नई सीमा चौकियों के निर्माण की कोशिश के बाद तालिबान ने इसका विरोध किया. इसी को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बढ़ा और देखते ही देखते फायरिंग शुरू हो गई. करीब दो घंटे तक दोनों ओर से छोटे हथियारों से गोलीबारी होती रही.

    इस घटना के बाद पाकिस्तान ने फिलहाल सीमा चौकियों के निर्माण का कार्य रोक दिया है, वहीं तालिबान ने सख्त लहजे में कहा है कि वह डूरंड रेखा के पास किसी भी नई चौकी की अनुमति नहीं देगा.

    पुराना विवाद, नया टकराव

    डूरंड रेखा को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. पाकिस्तान इस रेखा को अपनी आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है, जबकि अफगानिस्तान, चाहे वह पूर्व की लोकतांत्रिक सरकार हो या मौजूदा तालिबान शासन, इस सीमा को मान्यता नहीं देता.

    पाकिस्तान ने तालिबान के सत्ता में आने के बाद सीमा पर तारबंदी का काम तेज कर दिया, जिससे कई बार हिंसक संघर्ष हो चुके हैं. दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं और कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता.

    तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों में दरार

    एक समय था जब पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते बेहद मजबूत माने जाते थे. अगस्त 2021 में जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था, तब पाकिस्तान ने इसका समर्थन किया और खुले तौर पर मदद भी की. लेकिन बीते कुछ समय में दोनों के रिश्तों में खटास आ चुकी है.

    इस तनाव की वजहें केवल सीमा विवाद नहीं हैं. पाकिस्तान द्वारा अफगान शरणार्थियों की जबरन वापसी, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ संघर्ष, और अफगान भूमि पर पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाई जैसे मुद्दे भी तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

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