आरजी कर रेप-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खुद से संज्ञान लेते हुए सुनवाई फिर से शुरू की

    पश्चिम बंगाल की सीएम ममता ने कल डॉक्टरों की मांगों पर सहमति जताते हुए घोषणा की कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल, डिप्टी उपायुक्त और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को बदला जाएगा.

    आरजी कर रेप-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खुद से संज्ञान लेते हुए सुनवाई फिर से शुरू की
    सुप्रीम कोर्ट की प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो.

    नई दिल्ली : कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में खुद से संज्ञान लिया और सुनवाई फिर से शुरू की.

    9 सितंबर को अपनी पिछली सुनवाई के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक अपने ड्यूटी को फिर से शुरू करने के लिए कहा था.

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    हालांकि, डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है.

    सीएम ममता ने डॉक्टरों की मांग मानी, बदलेंगी पुलिस आयुक्त

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल डॉक्टरों की मांगों पर सहमति जताते हुए घोषणा की कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल, कोलकाता पुलिस के डिप्टी उपायुक्त और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को बदला जाएगा.

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    सिब्बल ने लाइव स्ट्रीमिंग पर जताई चिंता, सीजेआई ने कहा- ये होगी 

    आज की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके बहुत बड़े निहितार्थ हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. सिब्बल ने पीठ को यह भी बताया कि उनके चैंबर में वकीलों को बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं. हालांकि, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को नहीं रोका जाएगा क्योंकि यह जनहित का मामला है. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि बार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे.

    सीबीआई ने अब तक कार्यवाही की प्रगति की रिपोर्ट पेश की

    न्यायालय के पूर्व निर्देशों के अनुसार, सीबीआई ने एक नई स्थिति रिपोर्ट दायर की है. रिपोर्ट की स्टडी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई द्वारा की जा रही जांच का उद्देश्य पूर्ण सत्य को सामने लाना है और कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया समेत शीर्ष अदालत द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का जवाब दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई को सत्य को सामने लाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.

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