अब गायब हो रहे बच्चे? बलूचिस्तान में 55 हजार से अधिक लोग लापता; सड़कों पर उतरे सैकड़ों छात्र

    मेडिकल कॉलेज से गायब हो हुए छात्र का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है. 6 दिनों से लगातार सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

    students disappearing More than 55 thousand people missing in Balochistan
    Baloch protest in Islamabad (Image Credit: X/BalochYakjahtiCommittee-Kech)

    बलूचिस्तान, पाकिस्तानः जबरन गायब किए जाने और बोलन मेडिकल कॉलेज (BMC) और उसके होस्टल को बंद करने के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को उथल और क्वेटा में जारी रहा. द बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक, उथल में लासबेला कृषि, जल और समुद्री विज्ञान विश्वविद्यालय (LUAWMS) के छात्र अपने लापता साथी छात्र बयांदूर बलूच की बरामदगी की मांग को लेकर लगातार छह दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

    छात्र की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी

    यूनिवर्सिटी के कृषि विभाग के छात्र बयांदूर को कथित तौर पर कुछ दिन पहले उथल बाजार से तीन दोस्तों के साथ हिरासत में लिया गया था. उसके दोस्तों को तो रिहा कर दिया गया, लेकिन बयांदूर हिरासत में है. यूनिवर्सिटी के बाहर धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया है, जिसमें बयांदूर के पिता भी शामिल हुए. उन्होंने अपने बेटे की सुरक्षा के लिए गहरी चिंता व्यक्त की और उसकी तत्काल रिहाई की मांग की. इस बीच, क्वेटा में बोलन मेडिकल कॉलेज के छात्र नौ दिनों से कॉलेज और उसके छात्रावासों को फिर से खोलने तथा हिरासत में लिए गए छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

    प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासकों ने छात्रावासों को अवैध रूप से कब्जा करने के लिए सुरक्षा बलों के साथ मिलीभगत की है. विरोध प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने कहा, "यह प्रदर्शन हमारे अधिकारों की लड़ाई है. हम किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेंगे." छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे बलूचिस्तान में अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर देंगे. उन्होंने कहा, "हम तब तक अपना धरना जारी रखेंगे जब तक छात्रावास और कॉलेज फिर से नहीं खुल जाते और हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा नहीं कर दिया जाता."

    अबतक 55,000 से अधिक लोग गायब

    बलूचिस्तान में जबरन गायब होना एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार 55,000 से अधिक लोग लापता हैं और हजारों लोग मृत पाए गए हैं. जबरन या अनैच्छिक गायब होने पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह और एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित मानवाधिकार संगठनों ने इन अपहरणों में कथित संलिप्तता के लिए अक्सर पाकिस्तानी सैन्य बलों और खुफिया एजेंसियों की आलोचना की है.

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