यूट्यूब पर अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने वाला पहला राज्य बना गुजरात, बोले CM पटेल

    गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि गुजरात यूट्यूब पर अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने वाला पहला राज्य बन गया है.

    Gujarat becomes the first state to telecast live court proceedings on YouTube says CM Patel
    भूपेंद्र पटेल | X/@Bhupendrapbjp

    गुजरात यूट्यूब पर लाइव कोर्ट की कार्यवाही का प्रसारण करने वाला पहला राज्य बन गया है. शनिवार को एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी गई है. प्रेस रिलीज के अनुसार, राज्य न्यायपालिका द्वारा वर्चुअल कोर्ट, डिजिटल पोर्टल और पेपरलेस ई-फाइलिंग दृष्टिकोण भी अपनाया गया है. 

    गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, "आज शुरू की गई विभिन्न पहल न्याय प्रणाली को गति देगी." मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारदर्शी, कुशल और सुशासन के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दी है और गुजरात उच्च न्यायालय ने इस क्षेत्र में एक उदाहरण के रूप में काम किया है. 

    विभिन्न परियोजनाओं का किया शुभारंभ

    पटेल और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने शनिवार को गुजरात उच्च न्यायालय में राज्य न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाली विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस अवसर पर गुजरात उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और कानून मंत्री ऋषिकेश पटेल भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि आज गुजरात उच्च न्यायालय में 133 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ और उनपर मुहर लगाई गई है. 

    उन्होंने कहा कि 1960 में गुजरात के अलग राज्य बनने के बाद नवरंगपुरा स्थित आकाशवाणी भवन में गुजरात उच्च न्यायालय की शुरुआत हुई थी. तब से राज्य ने नवीनतम सुविधाओं के साथ धीरे-धीरे प्रगति की है. उन्होंने कहा कि आज गुजरात उच्च न्यायालय की अत्याधुनिक सुविधा सोला में काम कर रही है. राज्य सरकार ने हमेशा न्यायाधीशों और न्यायालय कर्मचारियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया है, जिसमें न्यायालयों से जुड़े नए भवनों या घरों का निर्माण शामिल है. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य के हर तालुका स्टेशन में प्रधान सिविल न्यायाधीश की अदालतों को कार्यात्मक बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुनियादी ढांचे के विकास के मिशन को साकार करने की दिशा में काम किया है.

    सुशासन और लोकतंत्र की आवश्यकता पर जोर

    सुशासन और लोकतंत्र की आवश्यकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश या राज्य के विकास और सुशासन में कानून और व्यवस्था और न्यायपालिका का महत्वपूर्ण योगदान होता है. न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका लोकतंत्र और सुशासन के स्तंभ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, "इन तीनों के बीच उचित समन्वय से सुशासन और लोकतंत्र गतिशील रहता है. लोगों को सुशासन का प्रत्यक्ष अनुभव हो, इसके लिए त्वरित न्याय आवश्यक है. इसके लिए राज्य सरकार न्यायपालिका और उच्च न्यायालय की आवश्यकता के अनुसार संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है." 

    उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने विधि विभाग के बजट में वित्तीय आवंटन किया है. वर्ष 2021-22 में यह आवंटन 1698 करोड़ रुपये था, जिसे 2024-25 में बढ़ाकर 2586 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

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