'अलग करना था गलत'- दिल्ली हाईकोर्ट ने WFI पर IOA की एड-हॉक कमेटी का अधिकार किया बहाल

    अदालत प्रमुख पहलवानों, जिनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य शामिल हैं की ओर से एड-हॉक समिति को भंग करने के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी.

    'अलग करना था गलत'- दिल्ली हाईकोर्ट ने WFI पर IOA की एड-हॉक कमेटी का अधिकार किया बहाल
    पहलवानों की तरफ से सुनवाई कर रहे सीनियर वकील राहुल मेहरा, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती संघ से जुड़ा बड़ा फैसला देते हुए कहा कि एड-हॉक कमेटी (तदर्थ समिति) का विघटन (अलग होना) अनुचित था. कोर्ट ने 27 दिसंबर, 2023 को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की बनाई गई इस समिति के अधिकार को बहाल कर दिया.

    न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा, "IOA को एडहाॉक कमेटी को फिर से बनाने की छूट होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह एक बहु-सदस्यीय (कई सदस्यों वाली) बॉडी हो, जिसमें प्रतिष्ठित खिलाड़ी और विशेषज्ञ शामिल हों, जो अंतर्राष्ट्रीय महासंघों से निपटने में पारंगत (दक्ष) हों, ताकि WFI द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में UWW की किसी भी चिंता को दूर किया जा सके."

    "इसके अलावा, यह स्पष्ट किया जाता है कि एड-हॉक समिति केवल तब तक कार्य करना जारी रखेगी, जब तक कि युवा और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) द्वारा जारी 24 दिसंबर, 2023 का आदेश लागू रहता है. यदि परिस्थितियां ऐसी हों तो एमवाईएएस उक्त आदेश को वापस ले सकता है, इसकी समीक्षा कर सकता है."

    पीठ ने कहा कि इस आदेश को किसी भी सीमा या बाधा पैदा करने के तौर पर नहीं समझा जाना चाहिए.

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    'आगे किसी रिटायर्ड जज को नियुक्त करने की अपील स्वीकार नहीं होगी'

    इसके अलावा, वर्तमान फेज में यह न्यायालय, याचिकाकर्ता की इस प्रार्थना को स्वीकार करना नहीं चाहेगा कि इस न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के किसी रिटायर्ड जज को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया जाए. डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए एक बहु-सदस्यीय एड-हॉक समिति का होना उचित माना जाता है.

    न्यायालय ने ये बातें भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों के संचालन के संबंध में चल रही रिट याचिका में एक अर्जेंट आवेदन पर सुनवाई कर रहा था.

    रिट याचिका में व्यक्त की गई शुरुआती शिकायत, सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2024 और एशियाई ओलंपिक के लिए सेलेक्शन ट्रायल करने की मांग में डब्ल्यूएफआई की कथित अवैध कार्रवाई से जुड़ी है.

    पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट की याचिका पर सुनवाई

    अदालत प्रमुख पहलवानों, जिनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य शामिल हैं की ओर से एड-हॉक समिति को भंग करने के खिलाफ दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी. एमवाईएएस डब्ल्यूएफआई के निलंबन को रद्द करने को लेकर कदम उठाएगा.

    पेरिस ओलंपिक में विनेश के वजन को लेकर फैसले में शामिल थे संजय सिंह

    पिछले हफ्ते, दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया गया था कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह पेरिस के ओलंपिक गांव में मौजूद थे और कथित तौर पर पहलवान विनेश फोगाट के बारे में फैसलों में शामिल थे, जिन्हें उनके स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले थोड़ा अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

    वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने इन पहलवानों की ओर से दावा किया कि डब्ल्यूएफआई को एक प्रॉक्सी शख्स द्वारा चलाया जा रहा था और उन्होंने ओलंपिक गांव में सिंह की उपस्थिति पर आपत्ति जताई.

    अदालत, WFI के चुनाव की वैधता को लेकर याचिका पर कर रही सुनवाई

    अदालत वर्तमान में पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की याचिका की जांच कर रही है, जिसमें 21 दिसंबर, 2023 को हुए डब्ल्यूएफआई चुनावों की वैधता को चुनौती दी गई है, जिसमें सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया था.

    याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि इन चुनावों ने खेल संहिता का उल्लंघन किया है और वे WFI से कुश्ती से संबंधित अपनी गतिविधियों को बंद करने की मांग कर रहे हैं.

    इन कानूनी मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के वकील ने विनेश के प्रति जताया है सपोर्ट

    केंद्र सरकार के वकील ने चल रहे कानूनी मुद्दों के बीच विनेश फोगाट के लिए समर्थन व्यक्त किया.

    भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को प्रक्रिया से जुड़े उल्लंघनों के कारण दिसंबर 2023 में सरकार ने निलंबित कर दिया था.

    हालांकि, फरवरी 2024 में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) द्वारा इस निलंबन को हटा दिया गया था, जिसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा WFI की देखरेख के लिए बनाई गई एड-हाक समिति को भंग कर दिया गया.

    दिल्ली उच्च न्यायालय 12 सितंबर, 2024 को मुख्य मामले की सुनवाई जारी रखेगा.

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