बुलडोजर एक्शन : SC के UP सरकार पर जुर्माने को लेकर अखिलेश का निशाना, कहा- देश में ऐसा पहली बार हुआ है

    सपा प्रमुख ने कहा- जिनका काम सरकार चलाना है, वे बुलडोजर चला रहे हैं और विकास का प्रतीक विनाश का प्रतीक बन गया है. 25 लाख रुपये का भारी जुर्माना देश में किसी पर पहली बार लगाया गया है.

    बुलडोजर एक्शन : SC के UP सरकार पर जुर्माने को लेकर अखिलेश का निशाना, कहा- देश में ऐसा पहली बार हुआ है
    समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव | Photo- @samajwadiparty हैंडल के वीडियो से ग्रैब्ड.

    लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह देश में पहली बार हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार पर 25 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.

    अखिलेश यादव ने कहा, "संत समाज के बीच झगड़े भड़काए जा रहे हैं. जो लोग खुद से बड़ा किसी को नहीं मानते, सरकार में बैठे लोग संतों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं. कहा जाता है कि संत जितना बड़ा होता है उतना ही कम बोलता है और जब भी बोलता है मानवता के हित में बोलता है."

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    जिनका काम सरकार चलाना, वे बुलडोजर चला रहे : अखिलेश

    उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे सत्ता में बैठे व्यक्ति की क्षमताओं पर संदेह पैदा होता है. उन्होंने कहा कि यह आजादी का अमृत काल नहीं, बल्कि विनाश है. उन्होंने आगे कहा, "कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से नहीं, बल्कि अपनी बातों से योगी होता है. जिनका काम सरकार चलाना है, वे बुलडोजर चला रहे हैं और विकास का प्रतीक विनाश का प्रतीक बन गया है. देश में यह पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार पर 25 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है."

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सड़क चौड़ीकरण के लिए घरों को अवैध रूप से ध्वस्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को फटकार लगाई थी और राज्य द्वारा की गई कार्रवाई को "अति" और कानून के अधिकार के बिना बताया था. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने यूपी सरकार को उन लोगों को 25 लाख रुपये का दंडात्मक मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जिनके घर ध्वस्त किए गए थे.

    जस्टिस ने कहा- बुलडोजर कार्रवाई ेके लिए प्रक्रिया का पालन हो

    सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, "आप बुलडोजर लेकर नहीं आ सकते और रातों-रात घर नहीं गिरा सकते. आप परिवार को खाली करने का समय नहीं देते. घरेलू सामानों का क्या? उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए."

    पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को अवैध तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत मनोज टिबरेवाल आकाश द्वारा भेजी गई एक पत्र शिकायत के आधार पर 2020 में दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसका घर 2019 में राज्य के अधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि राजमार्ग पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के लिए बिना किसी पूर्व सूचना या स्पष्टीकरण के उनके घर को ध्वस्त कर दिया गया. 

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