RBI ने लगातार 11वीं बार नहीं किया रेपो रेट में बदलाव, CRR 4.5% से घटाकर 4% किया, जानिए इसके फायदे

    भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी तटस्थ मौद्रिक नीति रुख को जारी रखते हुए लगातार 11वीं अवधि के लिए रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया.

    RBI did not change the repo rate for the 11th consecutive time reduced CRR from 4.5% to 4% know its benefits
    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास/Photo- ANI

    मुंबई (महाराष्ट्र): भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी तटस्थ मौद्रिक नीति रुख को जारी रखते हुए लगातार 11वीं अवधि के लिए रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया.

    गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि यह निर्णय शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के दौरान 4:2 के बहुमत से किया गया.

    स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 प्रतिशत पर बनी हुई है

    दास ने कहा, "परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत पर बनी हुई है, और बैंक दर के साथ सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर 6.75 प्रतिशत पर बनी हुई है."

    भारत के आर्थिक प्रक्षेप पथ पर विचार करते हुए, गवर्नर ने FY25 के लिए संशोधित जीडीपी वृद्धि अनुमान का खुलासा किया. उन्होंने कहा, "2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि, यानी चालू वर्ष, अब 6.6 प्रतिशत अनुमानित है, Q3 में 6.8 प्रतिशत और Q4 में 7.2 प्रतिशत है. 2025-26 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.9 प्रतिशत और 2025-26 की दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है."

    सीआरआर 4.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत कर दिया गया है

    आरबीआई गवर्नर ने घोषणा की कि नकद आरक्षित अनुपात या सीआरआर में 50 आधार अंकों की कटौती करके 4.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत कर दिया गया है. गवर्नर ने कहा कि इससे बैंकिंग प्रणाली में 1.15 लाख करोड़ रुपये की तरलता आएग.

    RBI के अनुसार FY25 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया गया है. 

    एमपीसी ने सर्वसम्मति से तटस्थ रुख जारी रखने और टिकाऊ आधार पर लक्ष्य के साथ मुद्रास्फीति को संरेखित करने पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की.

    बैंक का काम मूल्य स्थिरता बनाए रखना है

    दास ने जोर देकर कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक का काम विकास के उद्देश्य का समर्थन करते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना है."

    भारत के आर्थिक प्रक्षेप पथ पर विचार करते हुए, शक्तिकांत दास ने कहा, "एक अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत पिछले तीन वर्षों में 8 प्रतिशत से अधिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर से बढ़ रहा है. विकास और मुद्रास्फीति प्रक्षेप पथ में हालिया विचलन के बावजूद, अर्थव्यवस्था प्रगति की दिशा में निरंतर और संतुलित पथ पर अपनी यात्रा जारी रखे हुए है."

    दास ने तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की मजबूत स्थिति पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के बीच, भारत उभरते रुझानों से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है क्योंकि यह एक परिवर्तनकारी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है."

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