राहुल गांधी को कल तक चुननी होगी रायबरेली या वायनाड सीट, रिजल्ट के 14 दिन के भीतर है छोड़ने का नियम

    चुनावी नतीजे आने के 14 दिनों के भीतर 1 सीट छोड़ने का नियम है. 14 दिनों में 1 सीट से इस्तीफा नहीं देने पर दोनों सीटें रिक्त मान ली जाएंगी.

    राहुल गांधी को कल तक चुननी होगी रायबरेली या वायनाड सीट, रिजल्ट के 14 दिन के भीतर है छोड़ने का नियम
    12 जून 2024 को केरल वायनाड में एक जनसभा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी | Photo- ANI

    नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कल तक यह तय करना होगा कि वह लोकसभा चुनाव 2024 में जीती दोनों सीटें रायबरेली या वायनाड कहां से सांसद बने रहना चाहते हैं. उन्हें कल तक दोनों में से एक सीट को चुनना होगा. क्योंकि चुनाव जीतने के बाद 14 दिन के भीतर एक सीट चुनने का निमय है.

    रिजल्ट आने के 14 दिनों के भीतर 1 सीट छोड़ने का नियम है. 14 दिनों में 1 सीट से इस्तीफा नहीं देने पर दोनों सीटें रिक्त मान ली जाएंगी. 4 जून को चुनाव का रिजल्ट आया था, कल 14 दिन पूरे हो रहे हैं. 

    वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी रायबरेली की सीट रखेंगे, जबकि केरल की वायनाड सीट छोड़ेंगे.

    गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार अपनी पुरानी सीट केरल के वायनाड और अपनी मां की परंपरागत सीट रायबरेली से चुनाव लड़ा है. वायनाड में मतदान के बाद उन्होंने रायबरेली से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया था. उन्होंने दोनों ही सीटों पर बड़े मार्जिन से जीत हासिल की है. रायबरेली में उन्होंने भाजपा नेता दिनेश प्रताप सिंह को हराया है और वायनाड से सीपीएम की कद्दावर नेता और डी राजा की पत्नी एनी राजा को हराया है. 

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    जीत के बाद रायबरेली और वायनाड पहुंचे थे राहुल गांधी

     

    वहीं इससे पहले जीत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली गए थे और दोनों सीटों में किसे चुने इसको लेकर लोगों से दुविधा जाहिर की थी. लोगों ने राहुल से रायबरेली सीट न छोड़ने की अपील की थी. वहीं इस दौरान उन्होंने रायबरेली को अपना परिवार बताया था और उन्हें जिताने के लिए वहां की जनता का धन्यवाद दिया था. उनके साथ इस दौरान उनकी बहन प्रियंका गांधी, अमेठी से जीते सांसद किशोरी लाल शर्मा समेत पार्टी के बाकी नेता  मौजूद थे.

    इसके बाद वह केरल के वायनाड भी गए, लोगों से बातचीत की. रोड शो किया और वहां की जनता को उन्हें चुनने के लिए धन्यवाद जताया. यहां भी उन्होंने सीट चुनने की दुविधा जाहिर की. उन्होंने कहा था कि उनका बस चलता तो वह दोनों जगहों से सांसद बने रहते. उन्होंने वायनाड के लोगों से पूछा था कि उन्हें क्या करना चाहिए. लोगों ने उनसे वायनाड की सीट न छोड़ने की अपील की थी.

    इस बार के चुनाव में मजबूत हुई राहुल गांधी की छवि

    गौरतलब है कि इस बार के चुनाव में राहुल गांधी की छवि बदली है. वह कांग्रेस के सशक्त नेता बनकर उभरे हैं. उनका स्ट्राइक रेट भी बढ़ा है. पिछली बार कांग्रेस को जहां 52 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार लगभग दोगुन 99 सीटें मिली हैं. वहीं उनकी पार्टी का वोट शेयर भी बढ़ा है. इस बार उनकी पार्टी ने 21.82% वोट शेयर हासिल किया है, जो कि 2019 में 19.49 फीसदी था. जबकि भाजपा का वोट शेयर 37.36 फीसदी के मुकाबले इस बार 36.77 फीसदी रहा है. 

    इस बार चुनाव में कांग्रेस की गारंटी, राहुल गांधी की यात्रा और संविधान और लोकतंत्र बचाने का मुद्दा व सीटों और वोटों का समीकरण अहम मान जा रहा है. 

    कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के आवास पर कांग्रेस की बड़ी बैठक 

    वहीां आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन के आवास पर बैठक हो रही है. इस बैठक में सोनिया गांधी, प्रियंका, राहुल मौजूद हैं. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद हैं. खबर है कि नेता विपक्ष, स्पीकर चुनाव को लेकर यह बैठक हो रही है. राहुल गांधी की सीट को लेकर भी इसमें चर्चा संभव है.

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