ड्रोन के लिए PLI स्कीम उद्योग को गति देने के लिए है, इसे स्थायी सब्सिडी न मानें : पीयूष गोयल

    गोयल ने कहा, "पीएलआई योजना अपने आप में एक लक्ष्य नहीं है. इसका उद्देश्य उद्योग को सरकार की सब्सिडी पर निर्भर नहीं बनाना है.

    ड्रोन के लिए PLI स्कीम उद्योग को गति देने के लिए है, इसे स्थायी सब्सिडी न मानें : पीयूष गोयल
    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल | Photo- ANI

    नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार ड्रोन और ड्रोन इससे जुड़े उत्पादन की इन्सेंटिव स्कीम (PLI) इस क्षेत्र की प्रगति के लिए एक किकस्टार्टर है और इसे सरकार द्वारा स्थायी सब्सिडी योजना के रूप में नहीं माना जाना चाहिए.

    गोयल ने कहा, "पीएलआई योजना अपने आप में एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि पीएलआई का उद्देश्य उद्योग को गति देना है. यह कोई स्थायी सब्सिडी नहीं है. इसका उद्देश्य उद्योग को सरकार की सब्सिडी पर निर्भर नहीं बनाना है."

    केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को नई दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय नवाचार सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की.

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    किसानों को उच्च गुणवत्ता की फसल पाने में मिलेगी मदद : गोयल

    गोयल ने कहा कि ड्रोन उद्योग में तकनीकी प्रगति से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली फसल पाने में मदद मिलेगी और फसलों की पैदावार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. मंत्री ने बताया कि ड्रोन अनियमित मौसम के पैटर्न से निपटने में मदद करेंगे.

    इनवोशन के बल पर ड्रोन उद्योग में प्रौद्योगिकी के विकास और विकास की प्रशंसा करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र का विकास और उसे देशभर के गांवों में तैनात करना पीएम की 'नमो ड्रोन दीदी' पहल के अनुरूप है जो कृषि क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करेगा.

    कहा- भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद

    केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पीएम के प्रशासन के तीसरे कार्यकाल में हम तिगुनी गति से काम करेंगे, तीन गुना परिणाम सुनिश्चित करेंगे और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद करते हैं."

    उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन में सहकारी क्षेत्र, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को कृषि-इंफ्रा फंड की मदद से उर्वरक पहुंचाने और किसानों की बर्बादी और खर्च को कम करने में एक साझा सुविधा के रूप में योगदान करने की क्षमता है.

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ड्रोन इकोसिस्टम के वित्तपोषण और मार्गदर्शन के लिए, (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) सिडबी को इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शामिल किया जा सकता है.

    स्टार्टअप इकोसिस्टम पर, मंत्री ने कहा कि 2024 की पहली छमाही में 18 शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) पहले ही पेश की चुकी है और 2023 में 17 आईपीओ लाए गए थे. गोयल ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देश ने विदेशी निवेशकों से अप्रत्याशित निवेश देखा है और बुनियादी ढांचे के लिए बड़े पैमाने पर जोर दिया गया है.

    उन्होंने आगे कहा कि स्टार्टअप पर नियमों और अनुपालन बोझ को कम करने के साथ-साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) को सक्षम करना पीएम मोदी की सरकार का प्राथमिक फोकस रहा है.

    मंत्री ने यह भी कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास का अर्थव्यवस्था पर कई तरफ से प्रभाव पड़ता है जिससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ती है और देश में खपत बढ़ती है. उन्होंने कहा कि पीएम के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से उद्योग का विकास और रोजगार सृजन संभव हुआ है जिसने देश को विकास के एक अच्छे चक्र पर ला खड़ा किया है.

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