कोलकाता (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखा, जिसमें दक्षिण बंगाल में बाढ़ पर चिंता जताई, जिसका कारण उन्होंने "झारखंड में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) जलाशयों से पानी की असामान्य रूप से भारी मात्रा में रिलीज करना बताया.
21 सितंबर को लिखे अपने पत्र में, सीएम बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा स्थिति से निपटने के तरीके से असहमति जताई. उन्होंने दावा किया कि डीवीसी जलाशयों से पानी छोड़ना उनकी सरकार से पर्याप्त बातचीत के बगैर एकतरफा किया गया था.
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जल प्रबंधन पर फैसले को बिना समहमति से लिया गया बताया
उन्होंने कहा कि "जल प्रबंधन से संबंधित निर्णय केंद्रीय जल आयोग और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के साथ आम सहमति बनाए बिना लिए गए थे."
बनर्जी ने इस बात का जिक्र किया कि मैक्सिमम जल निकासी, जो 9 घंटे तक चली, केवल 3.5 घंटे की सूचना पर शुरू की गई थी, जिसे उन्होंने प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए अपर्याप्त माना.
सीएम ममता ने कहा- केवल 3.5 घंटे की सूचना पर रिलीज किया पानी
उन्होंने लिखा, "जलाशयों से अधिकतम जल निकासी, जो 9 घंटे तक चली, केवल 3.5 घंटे की जानकारी पर की गई थी, जो प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए नकाफी थी."
उन्होंने कहा, "इन चिंताओं के मद्देनजर, मैं 20.09.2024 को लिखे अपने पिछले पत्र में जिक्र की गई मांगों को दोहराती हूं और इन मुद्दों को तत्काल हल करने के लिए आपकी निजी दखल का अनुरोध करती हूं."
बनर्जी ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर पत्र की एक प्रति पोस्ट करते हुए कहा, "यह डीवीसी द्वारा पानी की बहुत ज्यादा रिलीज के कारण दक्षिण बंगाल में आई विनाशकारी बाढ़ मानव निर्मित से जुड़े भारत के माननीय प्रधान मंत्री को मेरा दूसरा पत्र है."
पिछले पत्र में 5 मिलियन लोगों के प्रभावित होने की बात कही थी
अपने पिछले पत्र में, बनर्जी ने जिक्र किया था कि बाढ़ ने 5 मिलियन लोगों को प्रभावित किया था और केंद्र सरकार से बचाव प्रयासों का समर्थन करने के लिए आपातकालीन निधि जारी करने का आग्रह किया था.
उन्होंने लिखा, "बाढ़ के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है और घरों व पशुओं का विनाश हुआ है."
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार राहत प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. बनर्जी ने प्रधानमंत्री से उनकी चिंताओं पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया और प्रभावित लोगों की मदद के लिए बाढ़ प्रबंधन प्रयासों के लिए धन जारी करने का अनुरोध किया.
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