पार्यावरण में कार्बन घटाने के लिए 6,798 करोड़ रुपये मंजूर, रेल लाइनें बढ़ाने समेत कई कदम उठाएगी सरकार

    दो मंजूर परियोजनाओं में नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर सेक्शन का 256 किलोमीटर लंबा दोहरीकरण और अमरावती के माध्यम से एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किलोमीटर लंबी नई लाइन का निर्माण शामिल है.

    पार्यावरण में कार्बन घटाने के लिए 6,798 करोड़ रुपये मंजूर, रेल लाइनें बढ़ाने समेत कई कदम उठाएगी सरकार
    सड़कों की कनेक्टिविटी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने रेल मंत्रालय की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 6,798 करोड़ रुपये (लगभग) है. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) के बयान से यह जानकारी सामने आई है.

    दो मंजूर परियोजनाओं में नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर सेक्शन का 256 किलोमीटर लंबा दोहरीकरण और अमरावती के माध्यम से एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किलोमीटर लंबी नई लाइन का निर्माण शामिल है.

    क्षमता बढ़ाने के कार्यों के परिणामस्वरूप 31 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को पाने और देश की रसद लागत को कम करने, CO2 उत्सर्जन (168 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा, जो 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.

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    कनेक्टिविटी से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और करीबी क्षेत्रों से मजबूत होगा संपर्क

    नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर सेक्शन के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही में सुविधा होगी, जिससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा.

    नई रेल लाइन परियोजना एर्रुपलेम-अमरावती-नम्बुरु, आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरती है.

    3 राज्यों यानी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के 8 जिलों को कवर करने वाली दो परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 313 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी.

    नई लाइन परियोजना 9 नये स्टेशनों, 168 गांवों को कवर करेगी

    नई लाइन परियोजना 9 नए स्टेशनों के साथ लगभग 168 गांवों और लगभग 12 लाख आबादी को संपर्क प्रदान करेगी. मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) में संपर्क बढ़ाएगी, जो लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को सेवा प्रदान करेगी. ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं.

    नई लाइन आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को सीधा जोड़ेगी

    CCEA के अनुसार, नई लाइन का प्रस्ताव आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी "अमरावती" से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और उद्योगों और आबादी के लिए गतिशीलता में सुधार करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बढ़ी हुई दक्षता और सेवा विश्वसनीयता प्रदान होगी. CCEA ने कहा कि मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा.

    CCEA ने कहा कि ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं जो इंटीग्रेटेड योजना के माध्यम से संभव हुई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी.

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