बिहार विधानसभा में एंटी पेपर लीक बिल पारित- 10 साल कैद, 1 करोड़ लगेगा जुर्माना, विपक्ष का वॉकआउट

    संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा पेश विधेयक का उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी से निपटना है. इसे विपक्ष के वॉकआउट के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

    बिहार विधानसभा में एंटी पेपर लीक बिल पारित- 10 साल कैद, 1 करोड़ लगेगा जुर्माना, विपक्ष का वॉकआउट
    बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, 2023 में पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान | Photo- ANI

    पटना : बिहार विधानसभा में बुधवार को पेपर लीक विरोधी विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया. बिहार विधानसभा ने बुधवार को बिहार सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 पारित किया गया.

    बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी से निपटना है और इसे विपक्ष के वॉकआउट के बीच इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है.

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    10 साल की होगी जेल, 1 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल

    इस विधेयक में गड़बड़ी में शामिल लोगों के लिए दंड का प्रस्ताव है, जिसमें न्यूनतम 10 साल की जेल की सजा और कम से कम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है.

    पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा, "हमने सदन में कहा है कि परीक्षाओं में गड़बड़ी या अनुचित साधनों के इस्तेमाल के खिलाफ सख्त कानून बनाने की जरूरत है. आप सभी जानते हैं कि अभी नीट का मामला चल रहा है, जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. यह सही है कि आज सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बहाल करने की जरूरत है. जो लोग अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते हैं, वे हमारे राज्य के मेधावी, मेहनती छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं. आपने देखा होगा कि इस विधेयक में ऐसी अनियमितता करने वालों के खिलाफ सख्त नियम बनाए गए हैं."

    उन्होंने कहा, "अगर कोई एजेंसी ऐसी गड़बड़ी में शामिल होती है, तो इसमें अपराधियों के लिए 10 साल की कैद और कम से कम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है. इसीलिए यह सख्त कानून बनाया गया है और हमें उम्मीद है कि बिहार के मेधावी और मेहनती छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा."

    यह विधेयक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के बाद आया है.

    सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी परीक्षा को रद्द करने से किया इनकार

    इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 5 मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) 2024 परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया है, यह मानते हुए कि परीक्षा में कोई प्रणाली से जुड़ा उल्लंघन नहीं हुआ था.

    भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वर्तमान फेज में, इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री का अभाव है कि परीक्षा का परिणाम खराब है या कोई व्यवस्थित उल्लंघन है. पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद डेटा NEET-UG प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक का संकेत नहीं देता है, जो परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान का संकेत दे. हालांकि, इसने स्वीकार किया कि NEET-UG पेपर लीक हजारीबाग और पटना में हुआ था जिस पर कोई "विवाद नहीं है".

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