हैदराबाद (तेलंगाना) : AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को बहराइच मुठभेड़ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 'ठोक दो' की नीति संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कहा कि यूपी पुलिस का निशाना इतना अचूक है कि इसे ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए.
ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुठभेड़ का वीडियो "नेटफ्लिक्स मूवी" जैसा लग रहा था और उन्होंने एक खास समुदाय के प्रति दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए पुलिस की आलोचना की.
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ओवैसी ने कहा- पुलिस को अचूक निशाने के लिए ओलंपिक में भेजा जाए
ओवैसी ने कहा, "यह यूपी सीएम की 'ठोक दो' नीति का उदाहरण है जो पिछले कुछ सालों से चल रही है. हम भाजपा, पीएम मोदी और यूपी सीएम से कई बार कह चुके हैं कि 'ठोक दो' की यह नीति संविधान के खिलाफ है... उत्तर प्रदेश को संविधान और कानून के शासन से चलना चाहिए, बंदूक के शासन से नहीं. अगर आप कुछ गलत करते हैं, तो वह चलता रहेगा और कोई भी किसी को भी गोली मार देगा."
ओवैसी ने मुठभेड़ पर संदेह जताते हुए कहा, "पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करके दिखाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. घटनास्थल से 70 किलोमीटर दूर हथियार किसने छिपाया और मुठभेड़ कितनी दूर हुई?... वीडियो नेटफ्लिक्स मूवी जैसी लग रही थी... इंस्पेक्टर को नेटफ्लिक्स जाना चाहिए, उसे बहुत अधिक पैसा मिलेगा... मुठभेड़ करने वाली पुलिस को उनके अचूक निशाने के कारण ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए... अगर सबूत (आरोपी के खिलाफ) हैं, तो उन्हें अदालत में ले जाएं और उन्हें सजा दें."
उन्होंने कहा, "अगर आप जज हैं तो अदालत और संविधान का उद्देश्य क्या है?... एक समुदाय के खिलाफ नफरत दिखाई जा रही है."
भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम ने पुलिस कार्रवाई का किया बचाव
भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, "प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया गया और आरोपियों को निष्क्रिय करने के लिए ही गोलियां चलाई गईं. यह यूपी पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इसकी सराहना की जानी चाहिए."
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विक्रम सिंह ने पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा, "जो हिंसा हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यूपी पुलिस ने मुख्य आरोपी मोहम्मद सरफराज के खिलाफ कार्रवाई की, वह घायल है और उसका इलाज चल रहा है. यह यूपी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है."
बहराइच हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 5 लोगों में से दो मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए, जबकि शेष तीन को हिरासत में ले लिया गया है.
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने दी घटनाक्रम की जानकारी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है.
डीजीपी कुमार ने बताया, "जब पुलिस भारत-नेपाल सीमा के पास हथियार बरामद करने के लिए गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों को ले जा रही थी, तो सरफराज और तालिब ने भागने का प्रयास किया. उनके भागने के दौरान गोलियां चलाई गईं, जिससे वे घायल हो गए. अब्दुल हमीद, फहीम और अब्दुल अफजल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. सभी पांच आरोपी अब हिरासत में हैं और स्थिति नियंत्रण में है."
बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने स्पष्ट किया कि पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की, जिसके कारण वे घायल हो गए.
उन्होंने कहा, "जब पुलिस टीम हत्या का हथियार बरामद करने के लिए नानपारा इलाके में गई, तो सरफराज उर्फ रिंकू और तालिब उर्फ सबलू के पास लोडेड हथियार था, जिससे उन्होंने पुलिस पर गोली चलाई. पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों घायल हो गए. उनका अभी इलाज चल रहा है. अन्य तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और सभी पांचों को अब आधिकारिक तौर पर हिरासत में लिया गया है. शेष संदिग्धों की तलाश जारी है."
रविवार को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प के बाद रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे.
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