नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद सोमवार को पीएमओ की टीम को संबोधित किया. इस दौरान कई ऐलान किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएमओ लोगों क पीएमओ होना चाहिए न कि मोदी का पीएमओ.
प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमओ अधिकरियों को संबोधित करते हुए बोला, ''10 साल पहले हमारे देश में छवि यह थी कि पीएमओ एक शक्ति केंद्र है, एक बहुत बड़ा शक्ति केंद्र है और मैं मैं सत्ता हासिल करने के बारे में नहीं सोचता. मेरे लिए यह न तो मेरी इच्छा है और न ही मेरा रास्ता है कि 2014 के बाद से हमने जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है. PMO को लोगों का PMO होना चाहिए और यह मोदी का PMO नहीं हो सकता.''
मोदी ने आगे कहा, ''हम वो लोग नहीं हैं जिनका ऑफिस इस वक्त शुरू होता है और इसी वक्त खत्म होता है.'' हम समय से बंधे नहीं हैं, हमारी सोच की कोई सीमा नहीं है, और हमारे प्रयासों के लिए हमारे पास कोई मानदंड नहीं है, जो इससे परे हैं वे मेरी टीम हैं और देश उस टीम पर भरोसा करता है.”
कहा- हमारा एक ही लक्ष्य, राष्ट्र प्रथम
तीसरी बार प्रधान मंत्री का पद संभालने के बाद, PMO के अधिकारियों को अपने पहले संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा, "साथ मिलकर हमारा एक ही लक्ष्य है और एक ही इरादा है, राष्ट्र प्रथम. 2047 तक विकसित भारत ही बनाना मेरा लक्ष्य है." सार्वजनिक रूप से कहा, मेरा पल पल देश के नाम है, मैंने भी देश से वादा किया है. मुझे टीम से ऐसी उम्मीद है कि 2024 तक 24/7 काम करें.” प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘जब सरकार की बात आती है तो अकेले मोदी ही नहीं, हजारों मन उनसे जुड़े होते हैं.' हजारों मस्तिष्क जो इस पर काम कर रहे हैं, हजारों हाथ जो इस पर काम कर रही हैं - इस भव्य रूप के परिणामस्वरूप, आम आदमी भी इसकी क्षमताओं को पूरा कर पाता है.’
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