Shaheen 3 Missile Test: 22 जुलाई, 2025 को पाकिस्तान द्वारा किया गया शाहीन-3 न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण तकनीकी रूप से विफल रहा, लेकिन इसका प्रभाव केवल सैन्य पराजय तक सीमित नहीं रहा. इस घटना ने एक बार फिर बलूचिस्तान की धरती और नागरिकों की सुरक्षा को गहरी चिंता में डाल दिया है.
मिसाइल परीक्षण के दौरान प्रक्षेपित की गई मिसाइल अपने लक्ष्य से भटक कर आबादी के करीब खेतों में गिर गई, जिससे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश फैल गया है. हालांकि बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन स्थानीय लोगों और नेताओं का कहना है कि यह "किसी बड़े हादसे से बस एक कदम दूर" था.
Breaking News;
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) July 22, 2025
22 July, 2025
The Republic of Balochistan strongly condemns the recurring failures of Pakistan’s missile tests that continue to violate Balochistan’s territorial integrity and endanger civilian lives.
According to Baloch locality, the invading forces of Pakistan… pic.twitter.com/qXsGXmDSpU
"हम कोई प्रयोगशाला नहीं हैं"
बलूच नेता मीर यार बलोच ने इस घटनाक्रम की तीखी निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "पाकिस्तान द्वारा बार-बार किए जा रहे विफल मिसाइल परीक्षण, बलूचिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता का अपमान हैं और इसके नागरिकों की जान से खिलवाड़ हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि यह परीक्षण डेरा गाज़ी खान से दागी गई मिसाइल का हिस्सा था, जो गलती से ग्रापन घाटी में लेवी स्टेशन से महज़ 500 मीटर की दूरी पर गिर गई. यदि दिशा ज़रा भी भटकी होती, तो स्थानीय जीवन और संपत्ति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता था.
राज्य प्रायोजित विस्थापन की गंभीर चेतावनी
मीर यार बलोच ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान, मिसाइल परीक्षण और सैन्य अभ्यासों की आड़ में बलूच लोगों को जबरन घरों से बेदखल कर रहा है. विशेष रूप से डेरा बुगती, कहान और आसपास के क्षेत्रों में धमकी, जबरन हटाने और संपत्ति हथियाने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यह आशंका गहराती जा रही है कि सेना इस क्षेत्र को सैन्य परीक्षण भूमि में तब्दील करने की योजना पर काम कर रही है.
पिछले परीक्षणों का भी खतरनाक रिकॉर्ड
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से गुहार
ये भी पढ़ें- ब्रह्मपुत्र पर चीन का 'जल दांव', इसकी काट के लिए क्या कर रहा भारत? जानिए पूरी कहानी