पाकिस्तान की एक और 'नापाक' हरकत, करने जा रहा मिसाइल टेस्ट; मिग-29 लड़ाकू एयरक्राफ्ट अरब सागर में तैनात

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है.

    Pakistan going to test missile Mig29 fighter aircraft deployed in Arabian Sea
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. जवाबी कार्रवाई की आशंका से पाकिस्तान की सरकार और सेना—दोनों सावधान और सहमी हुई नजर आ रही हैं. हालात इतने तनावपूर्ण हो चुके हैं कि अब पाकिस्तान एक नया मिसाइल परीक्षण करने की तैयारी में है.

    सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा टेस्ट की जाने वाली मिसाइल की रेंज करीब 480 किलोमीटर बताई जा रही है. इस परीक्षण के लिए 24 से 25 अप्रैल के बीच का टाइम विंडो तय किया गया है. साथ ही पाकिस्तान ने अरब सागर क्षेत्र में नो-फ्लाई ज़ोन घोषित कर दिया है और समुद्री क्षेत्र में लाइव फायर चेतावनी भी जारी की है.

    भारतीय सीमा के पास पाकिस्तानी वायुसेना की हलचल

    आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को हाई अलर्ट मोड में डाल दिया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी एयरफोर्स ने AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमानों की तैनाती की है, जिनकी गतिविधि भारतीय सीमा के निकट देखी गई है. इस कदम को भारत की संभावित सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका से जोड़कर देखा जा रहा है.

    आईएनएस विक्रांत के पास ही मिसाइल टेस्ट?

    इस पूरे घटनाक्रम के बीच सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों में अरब सागर में भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत INS Vikrant की मौजूदगी दर्ज की गई है. मिग-29 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस यह पोत इस वक्त करवार तट के निकट तैनात है. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान भी अपने मिसाइल टेस्ट के लिए अरब सागर के उसी क्षेत्र को चिह्नित कर रहा है. यह संयोग नहीं, बल्कि एक सैन्य-राजनीतिक संदेश हो सकता है.

    डर और दिखावे की रणनीति

    विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मिसाइल परीक्षण सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि पाकिस्तान की भीतरू घबराहट और दिखावे की रणनीति का हिस्सा है. देश में इस समय जिस तरह का कूटनीतिक और सैन्य दबाव महसूस किया जा रहा है, वह पाकिस्तानी नेतृत्व की असहजता को दर्शाता है.

    सिंधु जल संधि का असर: पानी की चिंता से कांपा पाकिस्तान

    भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय इस पूरे तनाव के केंद्र में है. 1960 से चली आ रही इस संधि के तहत पाकिस्तान को भारत से तीन प्रमुख नदियों से पानी मिलता रहा है—जो पाकिस्तान की खेती-किसानी और पेयजल सप्लाई की रीढ़ मानी जाती हैं. भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान में सूखे और जल संकट को लेकर चिंता चरम पर है.

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