पाकिस्तान और भारत के बीच हालिया सीमा तनाव के बीच एक अहम कूटनीतिक पहल सामने आई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने जानकारी दी है कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (DGMO) के बीच हॉटलाइन पर चर्चा हुई है, जिसमें संघर्षविराम को लेकर बातचीत हुई. बीते कुछ दिनों में सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के चलते तनाव चरम पर था, जिसे कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
हॉटलाइन पर बातचीत, संघर्षविराम पर सहमति
डार ने बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला और भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बुधवार को दोपहर हॉटलाइन के माध्यम से बात की. इस बातचीत के तहत दोनों पक्षों ने संघर्षविराम को बनाए रखने पर सहमति जताई. भारतीय पक्ष की ओर से इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि 10 मई 2025 को हुई सहमति के अनुरूप विश्वास बहाली के उपायों को आगे बढ़ाया जाएगा.
18 मई को फिर से वार्ता तय
डार ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों डीजीएमओ 18 मई को दोबारा बातचीत करेंगे. हालांकि, वार्ता के विस्तृत बिंदु साझा नहीं किए गए हैं, लेकिन यह साफ किया गया कि संघर्षविराम की समय सीमा को धीरे-धीरे बढ़ाया गया है. पहले इसे 12 मई तक, फिर 14 मई और अब 18 मई तक बढ़ाया गया है. यह सिलसिला दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिशें लगातार जारी हैं.
सीजफायर पर चेतावनी भी दे चुके हैं डार
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही इशाक डार ने CNN को दिए गए एक इंटरव्यू में भारत को परोक्ष चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि यदि सिंधु जल संधि से जुड़ा विवाद नहीं सुलझा, तो संघर्षविराम खतरे में पड़ सकता है और इस स्थिति को ‘युद्ध का कार्य’ (Act of War) माना जा सकता है.
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