'भारत से जंग होगी', बड़बोला बिलावल फिर दे रहा गीदड़भभकी; जानिए पाकिस्तान को अब क्या हुआ

    भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते फिलहाल तल्ख हैं, और इन हालात में पाकिस्तान एक बार फिर संवाद की गुहार लगा रहा है.

    Pakistan Bilawal threatening India
    बिलावल भुट्टो | Photo: ANI

    भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते फिलहाल तल्ख हैं, और इन हालात में पाकिस्तान एक बार फिर संवाद की गुहार लगा रहा है. लेकिन भारत ने साफ कर दिया है—अब कोई बातचीत POK की वापसी और आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई के बिना नहीं होगी.

    पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने हाल ही में जर्मन मीडिया संस्थान DW उर्दू को दिए इंटरव्यू में भारत से सभी मुद्दों पर बातचीत की अपील की. हालांकि इस अपील के साथ उन्होंने एक बार फिर ‘जंग की धमकी’ भी जोड़ दी.

    सिंधु जल संधि पर चेतावनी—बातचीत की गुहार या दबाव की राजनीति?

    बिलावल ने कहा कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान की जल आपूर्ति को रोकने की कोशिश की, तो इसे पाकिस्तान के "अस्तित्व पर हमला" माना जाएगा. उनका कहना था कि ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. दिलचस्प बात ये है कि इस कड़ी चेतावनी के तुरंत बाद ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और जल अधिकारों से समझौता भी नहीं करेगा.

    "खून और पानी साथ नहीं बह सकते"

    भारत पहले ही अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को एकतरफा तौर पर स्थगित कर चुका है. भारत का स्पष्ट संदेश है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक किसी भी बातचीत की कोई संभावना नहीं है.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं—“खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते.” यानी पाकिस्तान अगर आतंकवाद को समर्थन देना जारी रखता है, तो बातचीत संभव नहीं.

    क्या सिर्फ कूटनीतिक दिखावा है पाकिस्तान की अपील?

    बिलावल की ये टिप्पणी तब आई है जब हाल ही में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी भारत से बातचीत की इच्छा जताई थी. बिलावल खुद अमेरिका दौरे के दौरान डोनाल्ड ट्रंप से यह गुहार लगा चुके हैं कि वे भारत को बातचीत के लिए मनाएं. लेकिन, भारत इस ‘बात करने की भीख और धमकी देने की नीति’ से अब अचंभित नहीं है. नई दिल्ली का कहना है कि बात वही होगी, जो आतंकवाद की समाप्ति और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी के मुद्दे से जुड़ी हो.

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