हमने कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर में खून बहाया... लश्कर-ए-तैयबा कमांडर ने कबूला सच, देखें वीडियो

    जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से चल रहे आतंकवाद को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है.

    Lashkar-e-Taiba commander exposed the terrorist face of Pakistan
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    इस्लामाबाद/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से चल रहे आतंकवाद को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक वरिष्ठ कमांडर फैसल नदीम ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान से संचालित आतंकी गुट भारत के कश्मीर क्षेत्र में आतंक फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं.

    आतंकी गतिविधियों की स्वीकारोक्ति

    एक हालिया रैली के दौरान, जो कथित रूप से पाकिस्तानी सैन्य समर्थन में आयोजित की गई थी, फैसल नदीम ने कहा, "हम उन लोगों में से हैं जिनके साथियों का खून कश्मीर के कोने-कोने में मौजूद है. कोई ऐसा गांव या शहर नहीं है जहां हमारे शहीद न हों."

    यह बयान भारत के उस लंबे समय से चले आ रहे आरोप को बल देता है कि पाकिस्तान की जमीन से आतंकवादी गतिविधियों को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाता है.

    नदीम ने यह भी कहा कि वे “कश्मीर की आज़ादी” के लिए अपना अभियान जारी रखेंगे और इसमें सरकारों को भी पीछे नहीं हटने देंगे, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि आतंकी गुटों और राजनीतिक-सैन्य संस्थानों के बीच संबंध किस हद तक गहरे हैं.

    फैसल नदीम: लश्कर का वरिष्ठ रणनीतिकार

    फैसल नदीम को लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख नेतृत्व में गिना जाता है और वह संगठन के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता है. नदीम पर आरोप है कि उसने भारत में कई आतंकी हमलों की साजिश रची और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ का संचालन किया.

    भारत सरकार ने उसे मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल किया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ है.

    आधिकारिक स्थिति पर पुनर्विचार की जरूरत?

    जहां पाकिस्तान बार-बार यह दावा करता रहा है कि वह भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त नहीं है, वहीं इस तरह के सार्वजनिक बयान और रैलियों में आतंकियों की खुली भागीदारी उसकी नीतियों और दावों पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं.

    भारत ने 22 अप्रैल 2024 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए सीमापार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. उस समय पाकिस्तान ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” कहा था, लेकिन अब नदीम के बयान इन दावों के विपरीत साबित होते हैं.

    अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चेतावनी

    इस घटनाक्रम ने एक बार फिर आतंकवाद के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण, सीमा-पार आतंक की वास्तविकता और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के क्रियान्वयन जैसे मुद्दों को केंद्र में ला दिया है. भारत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस बात की मांग करता रहा है कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकी गुटों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए.

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