'रेस्त्रां या ढाबा पर नाम, लाइसेंस, मूल्य लिखना अनिवार्य'- UP, उत्तराखंड सरकार के आदेश की एक कटिंग वायरल

    समाजवादी पार्टी ने और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है.

    'रेस्त्रां या ढाबा पर नाम, लाइसेंस, मूल्य लिखना अनिवार्य'- UP, उत्तराखंड सरकार के आदेश की एक कटिंग वायरल
    यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्ग पर एक मुस्लिम फल विक्रेता अपने ठेले पर नाम टांगे हुए | Photo- Social media

    नई दिल्ली : इस समय जारी कांवड़ यात्रा को लेकर जहां एक दिन पहले यूपी पुलिस के भोजनालयों, वाहनों पर मालिक का नाम प्रदर्शित करने के आदेश को लेकर हंगामा मचा हुआ था. वहीं उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सरकार के खाद्य विभाग की एक अखबार में छपी कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. 

    एक दिन पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार से लिखित आदेश जारी करने की चुनौती दी थी. बॉलीवुड पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने भी इस फरमान की तुलना नाजियों के जर्मनी से करके गुस्सा जाहिर किया था. 

    रेस्त्रां या ढाबा पर नाम, लाइसेंस और मूल्य लिखना अनिवार्य

    अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की खाद्य विभाग की ओर से एक आदेश से जुड़ी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसमें दुकानों पर मालिकों के नाम और लाइसेंस लिखना अनिवार्य बताया गया है. इसको लेकर पर देखना होगा कि किस तरह का राजनीतिक हंगामा सामने आता है.

    एक न्यूज पेपर की कटिंग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एक निर्देश दिया है, "प्रत्येक रेस्त्रां या ढाबा संचालक को अपनी फर्म का नाम, अपना नाम व लाइसेंस संख्या लिखना अनिवार्य है. जागो ग्राहक जागो के अंतर्गत सूचना पट पर मूल्य सूची भी लगाना अनिवार्य है."

    उत्तराखंड सरकार की ओर से उपायुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड जीसी कांडपाल ने इसी तरह के निर्देश जारी किए हैं.

    उन्होंने निर्देश के मुताबिक, "उत्तराखंड : खानपान सामग्री की बिक्री करने वाले व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान पर अपना नाम और पता प्रमुखता से प्रदर्शित करना आवश्यक है. उपायुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड जीसी कांडपाल के अनुसार ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए इस तरह का प्रविधान किया गया है."

    यह भी पढे़ं : 'क्या नाजियों के जर्मनी में हैं', UP के कांवड़ मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम- भड़के ओवैसी, जावेद अख्तर

    यूपी पुलिस ने हिंदू ढाबों से मुस्लिम मजदूरों को निकलवाया

    एक यूट्यूब चैनल के प्रत्रकार ने एक वीडियो के साथ एक पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा की. उन्होंने लिखा है, "#Muzaffarnagar में पुलिस वालों ने हिंदू ढाबों से मुस्लिमों को निकलवा दिया है. साक्षी ढाबे के मालिक दुखी हैं उनके मैनेजर “शफ़ाकत” ख़ुद कावड़ियों की सेवा करते थे उन्हें हटाना पड़ा. कैसे हिंदू मालिक मुस्लिम नौकरों की ईमानदारी की क़समें खा रहे हैं."

    समाजवादी पार्टी ने भाजपा को सद्भाव का दुश्मन बताया

    इन फरमानों को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी लगातार हमलावर है. पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, "भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है."

    एक दिन पहले पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, "मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलों वालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करने वाली जनता मानने वाली नहीं है. ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने चाहिए. माननीय न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन-प्रशासन नहीं करेगा. ये प्रेम और सौहार्द से उपजी एकता की जीत है."

    एक अन्य ट्वटी में उन्होंने लिखा है, "… और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच कराकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं."

    यह भी पढे़ं : सूर्यकुमार के बचपन के कोच ने कप्तान नियुक्त होने पर कहा, "बहुत गर्व है"

    दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने पर भड़के ओवैसी, जावेद अख्तर

    एक दिन पहले यूपी पुलिस की इस कवायद पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और बॉलीवुड के पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने गुस्सा जाहिर किया है. 

    एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की और उन्हें चुनौती दी कि उनमें 'हिम्मत' है तो वे लिखित आदेश जारी करके दिखाएं.

    ओवैसी ने कहा- मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा, संविधान का है उल्लंघन

    ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "हम इसकी निंदा करते हैं क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जिसमें छुआछूत की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश सरकार छुआछूत को बढ़ा रही है. लोगों को अपना धर्म बताने का यह आदेश अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और अनुच्छेद 19 (जीविका का अधिकार) का उल्लंघन करने वाला  है. दूसरी बात, जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है, मुजफ्फरनगर के सभी ढाबों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है. उस हाईवे पर कई बड़े और मशहूर रेस्त्रां हैं, आप उनके बारे में कुछ क्यों नहीं कह रहे हैं?"

    ओवैसी ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश को देखकर ऐसा लगता है जैसे उनमें हिटलर की आत्मा घुस आई है. क्या आप एक यात्रा को इतना महत्व देंगे कि दूसरों की रोजी-रोटी बर्बाद करके रख देंगे. क्या आप सिर्फ एक समुदाय के लिए काम करेंगे? संविधान कहां है? मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो इसको लेकर लिखित आदेश जारी करके दिखाएं. मुसलमानों के साथ साफ भेदभाव हो रहा है."

    यूपी पुलिस ने गुरुवार को कहा कि पुलिस ने सभी भोजनालयों से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम "स्वेच्छा से प्रदर्शित" करने का आग्रह किया था, उन्होंने कहा कि इस आदेश का मकसद किसी भी तरह का "धार्मिक भेदभाव" पैदा करना नहीं है, बल्कि केवल भक्तों की सुविधा के लिए है.

    गीतकार जावेद अख्तर ने नाराजगी जाहिर की- क्या ये नाजियों का जर्मनी है 

    बॉलीवुड के पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने भी चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नाजी जर्मनी में ऐसी चीजें होती हैं.

    जावेद अख्तर ने एक्स पर पोस्ट किया, "मुजफ्फरनगर यूपी पुलिस ने निर्देश दिया है कि भविष्य में किसी विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्टोरेंट और यहां तक ​​कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए. क्यों? क्या ये नाजियों का जर्मनी है, जहां वे केवल विशेष दुकानों और घरों पर ही निशान बनाते थे."

     यह भी पढ़े:  हार्दिक पांड्या और पत्नी नताशा का हुआ तलाक, सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट

    भारत