'क्या नाजियों के जर्मनी में हैं', UP के कांवड़ मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम- भड़के ओवैसी, जावेद अख्तर

    AIMIM प्रमुख ने कहा- CM योगी में हिम्मत है तो लिखित आदेश जारी करें. UP सरकार छुआछूत बढ़ा रही है. बॉलीवुड पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने इसकी तुलना नाजियों के जर्मनी से की.

    'क्या नाजियों के जर्मनी में हैं', UP के कांवड़ मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम- भड़के ओवैसी, जावेद अख्तर
    एआईएमआईएम प्रमुख ओसदुद्दीन ओवैसी और बॉलीवुड में पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर | Photo- ANI

    हैदराबाद (तेलंगाना) : उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकान मालिकों को उन्हें अपनी दुकानों और वाहनों नाम प्रदर्शित करने की अपील पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और बॉलीवुड पटकथा लेखक व गीतकार जावेद अख्तर ने गुस्सा जाहिर किया है. ओवैसी ने जहां इसे संविधान का हवाला देते हुए यूपी सरकार पर छुआछूत बढ़ाने का आरोप लगाया है तो जावेद अख्तर ने इसकी तुलना नाजियों के जर्मनी से की है. 

    एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की और उन्हें चुनौती दी कि अगर उनमें 'हिम्मत' है तो वे लिखित आदेश जारी करें.

    गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने गुरुवार को कहा कि पुलिस ने सभी भोजनालयों से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम "स्वेच्छा से प्रदर्शित" करने का आग्रह किया है, उन्होंने कहा कि इस आदेश का मकसद किसी भी तरह का "धार्मिक भेदभाव" पैदा करना नहीं है, बल्कि केवल भक्तों की सुविधा के लिए है.

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    ओवैसी ने कहा- मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा, संविधान का है उल्लंघन

    ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम इसकी निंदा करते हैं क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जिसमें छुआछूत की बात की गई है. इस तरह उत्तर प्रदेश सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है. लोगों को अपना धर्म बताने का यह आदेश अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और अनुच्छेद 19 (जीविका का अधिकार) का उल्लंघन है. दूसरी बात, जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है, मुजफ्फरनगर के सभी ढाबों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है. उस हाईवे पर कई बड़े और मशहूर रेस्टोरेंट हैं, आप उनके बारे में कुछ क्यों नहीं कह रहे हैं?"

    ओवैसी ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश को देखकर ऐसा लगता है जैसे उनमें हिटलर की आत्मा घुस गई है. क्या आप एक यात्रा को इतना महत्व देंगे कि दूसरों की रोजी-रोटी बर्बाद कर देंगे. क्या आप सिर्फ एक समुदाय के लिए काम करेंगे? संविधान कहां है? मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो लिखित आदेश जारी करें. मुसलमानों के साथ साफ भेदभाव हो रहा है."

    गीतकार जावेद अख्तर ने नाराजगी जाहिर की, कहा- क्या ये नाजियों का जर्मनी है 

    बॉलीवुड के पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने भी चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नाजी जर्मनी में ऐसी चीजें होती हैं.

    जावेद अख्तर ने एक्स पर पोस्ट किया, "मुजफ्फरनगर यूपी पुलिस ने निर्देश दिया है कि भविष्य में किसी विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्टोरेंट और यहां तक ​​कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए. क्यों? क्या ये नाजियों का जर्मनी है, जहां वे केवल विशेष दुकानों और घरों पर ही निशान बनाते थे."

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    यूपी पुलिस की कांवड़ मार्ग पर दुकान मालिकों से नाम प्रदर्शित करने की अपील

    मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा, "श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होकर पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में कांवड़िये हरिद्वार से जल लेकर मुजफ्फरनगर जिले से गुजरते हैं. श्रावण के पवित्र महीने के दौरान, कई लोग, विशेष रूप से कांवड़िये अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं."

    उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां कांवड़ मार्ग पर सभी प्रकार की खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार रखे हैं, जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई.

    ऐसी घटनाओं की दोहराने से रोकने और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए कांवड़ मार्ग पर खाद्य सामग्री बेचने वाले होटलों, ढाबों और दुकानदारों से अनुरोध किया कि वे स्वेच्छा से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करें. इस आदेश का मकसद किसी भी प्रकार का धार्मिक भेदभाव पैदा करना नहीं है, बल्कि मुजफ्फरनगर जिले से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, किसी विवाद और कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है. यह व्यवस्था पूर्व में भी प्रचलित रही है.

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