Israel and Iran War: पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर है. ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल हमलों ने तनाव को गंभीर रूप दे दिया है. 370 बैलिस्टिक मिसाइलों में से कई इजरायली डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर नागरिक क्षेत्रों में गिरीं, जिससे 24 लोगों की मौत और 600 से अधिक घायल हो गए. इजरायल ने इसे “नागरिकों की सुनियोजित हत्या” बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले के बाद साफ कहा कि ईरान को इसकी “भारी कीमत” चुकानी पड़ेगी. उनके इस बयान को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या इजरायल अब परमाणु विकल्पों पर विचार कर सकता है?
ईरान का मिसाइल हमला: तकनीकी बढ़त की झलक
ईरान ने इस हमले में अपनी उन्नत मिसाइल क्षमताओं का प्रदर्शन किया. रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने इमाद, ग़दर-110, खेबर शेकन और हज कासिम जैसे एडवांस MRBM का उपयोग किया. इन मिसाइलों में MaRV (मैन्युवरेबल रीएंट्री व्हीकल) तकनीक है, जो रडार से बचाव में सक्षम है. साथ ही, ईरान ने फतह-1 और फतह-2 जैसी हाइपरसोनिक क्षमताओं वाली मिसाइलों का भी प्रयोग किया, जिनके प्रभाव का मूल्यांकन अभी जारी है.
ईरानी जनरल की धमकी: 'इस्लामिक बम' की गूंज
इसी बीच, ईरान की IRGC के वरिष्ठ कमांडर मेजर जनरल मोहसेन रेज़ाई ने धमकी दी कि यदि इजरायल परमाणु हमला करता है, तो ईरान भी जवाबी परमाणु हमला करेगा. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान इस्लामिक एकता के नाम पर ईरान के साथ खड़ा है. हालांकि, पाकिस्तान ने इस बयान से किनारा कर लिया है और उसके सैन्य प्रमुख वर्तमान में अमेरिका में हैं. इस बयान के बाद 'इस्लामिक बम' की अवधारणा एक बार फिर चर्चा में आ गई है — एक पुराना विचार जिसमें इस्लामिक देशों के लिए सामूहिक परमाणु सुरक्षा की बात कही जाती थी.
‘इस्लामिक बम’: इतिहास और वर्तमान
‘इस्लामिक बम’ की अवधारणा 1970 के दशक में पाकिस्तानी नेताओं जुल्फिकार अली भुट्टो और जिया-उल-हक द्वारा उठाई गई थी. ब्रिटिश इतिहासकार प्रोफेसर मैल्कम एम. क्रेग ने इसे अपने रिसर्च में विस्तार से बताया है. पाकिस्तानी वैज्ञानिक ए.क्यू. खान द्वारा ईरान और लीबिया को परमाणु तकनीक देने की बात भी सामने आ चुकी है, जिसने इस विचार को और गहराया.
क्या इजरायल परमाणु बम का उपयोग करेगा?
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल केवल अत्यधिक खतरे की स्थिति में ही परमाणु विकल्प पर विचार करेगा. हालांकि, यह कदम अमेरिका की मंजूरी के बिना संभव नहीं माना जाता, और फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है कि अमेरिका इसकी अनुमति देगा. इजरायल के पास लगभग 90 परमाणु हथियारों का अनुमान है, लेकिन इस पर आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं की गई. इसके बावजूद, मौजूदा हालातों ने वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों को परमाणु खतरे की दिशा में गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया है.
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