तेहरान/तेल अवीव: इजरायल और ईरान के बीच भीषण संघर्ष अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ता दिख रहा है. मंगलवार को ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय और इजरायली सैन्य खुफिया एजेंसी AMAN के कार्यालयों पर सीधा हमला कर वैश्विक सुरक्षा समुदाय को चौंका दिया. यह पहली बार है जब ईरान ने मोसाद जैसे उच्च सुरक्षा प्रतिष्ठान को खुले तौर पर निशाना बनाया है.
ईरानी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले में नई अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक के उपयोग का दावा किया है, जिसका ट्रैकिंग और इंटरसेप्शन बेहद कठिन बताया गया है. ईरानी प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल रेजा तलाई-निक ने कहा कि यह हमला इजरायल के रक्षा ढांचे में "एक अप्रत्याशित सेंध" है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हमले आगे भी जारी रह सकते हैं.
इजरायल का जवाब: ईरान के डिप्टी कमांडर मारे गए
ईरान के इस हमले के तुरंत बाद इजरायल ने तेज प्रतिक्रिया देते हुए ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी को निशाना बनाया. शादमानी, जो हाल ही में खतम-अल-अनबिया हेडक्वार्टर्स (ईरान की शीर्ष सैन्य आपात कमान) के प्रमुख बने थे, एक सटीक हवाई हमले में मारे गए.
गौरतलब है कि शादमानी को चार दिन पहले ही उस पद पर नियुक्त किया गया था, जिसमें उनके पूर्ववर्ती मेजर जनरल गुलाम अली राशिद इजरायली हमले में मारे गए थे.
अब तक की जानकारी के अनुसार, संघर्ष में ईरान के 224 सैनिक मारे गए हैं, जबकि लगभग 1,500 लोग घायल हुए हैं. वहीं, इजरायल में अब तक 24 नागरिक और सैनिकों की मौत की पुष्टि हुई है और 600 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
नई मिसाइल से इजरायली डिफेंस सिस्टम ध्वस्त
ईरानी सेना ने दावा किया है कि इस हमले में इस्तेमाल की गई मिसाइल इतनी उन्नत थी कि इजरायल के मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम उसे पहचानने और रोकने में विफल रहे. ईरान का कहना है कि यह इजरायल के लिए महज शुरुआत है.
ईरानी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता तलाई-निक ने कहा, “इस मिसाइल को ट्रैक करना बेहद मुश्किल है और इजरायली सुरक्षा बलों के लिए यह हमला पूरी तरह से अप्रत्याशित था. हम भविष्य में भी इसी स्तर की सर्जिकल स्ट्राइक जारी रखेंगे.”
अमेरिका-ईरान तनाव फिर चरम पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान को लेकर अपने सख्त रुख को दोहराया है. ट्रंप ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की उस रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि ईरान फिलहाल परमाणु हथियार बनाने की सक्रिय कोशिश नहीं कर रहा है.
ट्रंप ने कहा, “मुझे फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है. मेरा मानना है कि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत करीब था.” ट्रंप का यह बयान अमेरिकी खुफिया समुदाय के आकलन से सीधा टकराव दिखाता है, जिसमें ईरान को कम से कम तीन साल तक परमाणु हथियार बनाने से दूर बताया गया है.
नतांज न्यूक्लियर साइट को नुकसान: IAEA
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि इजरायली हमलों से ईरान की नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी के भूमिगत हिस्से को नुकसान पहुंचा है. IAEA ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर यह जानकारी साझा की. हालांकि इस्फहान और फोर्डो साइट्स पर किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है.
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