पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में भी भारत के एक्शन का असर, हमले के डर से 3545 अंक लुढ़का, क्या होगी जंग?

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का प्रभाव अब आर्थिक मोर्चे पर भी दिखाई देने लगा है. बुधवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें प्रमुख सूचकांक KSE-100 में 3,545 अंकों (लगभग 3.09%) की गिरावट आई.

    India's action also had an impact on Pakistan Stock Exchange, it fell by 3545 points due to fear of attack, will there be a war?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    इस्लामाबाद/कराची: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का प्रभाव अब आर्थिक मोर्चे पर भी दिखाई देने लगा है. बुधवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें प्रमुख सूचकांक KSE-100 में 3,545 अंकों (लगभग 3.09%) की गिरावट आई. बाजार विश्लेषकों के अनुसार, यह गिरावट भारत की संभावित सैन्य प्रतिक्रिया की अटकलों और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर निवेशकों में बढ़ती चिंता का नतीजा है.

    अस्थिरता से भरा दिन

    दिन की शुरुआत से ही पाकिस्तान स्टॉक मार्केट में गिरावट का रुख देखा गया. सुबह 10:38 बजे, सूचकांक 2,073 अंक लुढ़क गया. दोपहर होते-होते गिरावट और तेज हो गई और KSE-100 सूचकांक में 3,255 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. आखिरकार बाजार 111,326.57 पर बंद हुआ, जो मंगलवार के बंद स्तर 114,872.18 से काफी नीचे था.

    सरकारी बयान के बाद बाजार में और घबराहट

    सूचना मंत्री द्वारा दिए गए एक प्रेस बयान में इस बात के संकेत मिलने के बाद कि भारत अगले 24–36 घंटों में सैन्य कार्रवाई कर सकता है, बाजार में अनिश्चितता और बढ़ गई. विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को डर है कि किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति में आर्थिक अस्थिरता और बढ़ सकती है, जिसका असर विदेशी निवेश और मौद्रिक नीति पर भी पड़ सकता है.

    आईएमएफ की घोषणा के बावजूद बाजार में कमजोरी

    हालांकि मंगलवार को बाजार में तेजी लौट आई थी, जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पुष्टि की थी कि वह 9 मई को पाकिस्तान के जलवायु लचीलापन ऋण कार्यक्रम के अंतर्गत 1.3 अरब डॉलर की सहायता पर विचार करेगा. इसके बावजूद, बुधवार को भूराजनीतिक तनाव ने सकारात्मक आर्थिक संकेतकों को पीछे छोड़ते हुए बाजार को नीचे की ओर धकेल दिया.

    क्या कहता है यह रुझान?

    पाकिस्तानी शेयर बाजार में आई यह गिरावट इस ओर इशारा करती है कि निवेशकों की प्राथमिक चिंता अब आर्थिक प्रदर्शन से ज्यादा आंतरिक सुरक्षा और क्षेत्रीय तनाव बन गया है. भले ही IMF से राहत की उम्मीद हो, लेकिन अनिश्चित भू-राजनीतिक हालात बाजार को अस्थिर बनाए हुए हैं.

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