इंडियन नेवी ने MIGM मिसाइल का किया सफल परीक्षण, थर्रा उठा पाकिस्तान

    दुश्मनों को करारा जवाब देने और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और भी अभेद्य बनाने के भारत के प्रयासों को एक और बड़ी सफलता मिली है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने सोमवार को स्वदेशी तकनीक से तैयार की गई मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.

    Indian Navy and DRDO successfully test fired MIGM missile
    Image Source: Social Media

    दुश्मनों को करारा जवाब देने और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और भी अभेद्य बनाने के भारत के प्रयासों को एक और बड़ी सफलता मिली है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने सोमवार को स्वदेशी तकनीक से तैयार की गई मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. सैन्य क्षेत्र में लगातार मिल रही बड़ी कामयाबी ने साबित कर दिया है कि भारत अब रक्षा तकनीक के क्षेत्र में किसी पर निर्भर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर है.

    इस परीक्षण ने भारत की समुद्री शक्ति को और सशक्त बनाया है, साथ ही यह संदेश भी दिया है कि देश अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हर स्तर पर तैयार है. खास बात यह रही कि परीक्षण कम विस्फोटक के साथ किया गया, जिससे मिसाइल की सटीकता और संवेदनशील तकनीक की गहराई से जांच की जा सकी.

    राजनाथ सिंह ने दी बधाई

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO, भारतीय नौसेना और सभी सहयोगियों को बधाई दी है. रक्षा मंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा, "MIGM मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की रक्षा अनुसंधान और स्वदेशी तकनीक में बढ़ती ताकत का प्रतीक है. DRDO, भारतीय नौसेना और उद्योगों के संयुक्त प्रयासों ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को संभव बनाया है. यह 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और कदम है."

    MIGM मिसाइल क्यों है खास?

    मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) एक अत्याधुनिक समुद्री हथियार है जो कई प्रकार के लक्ष्यों की पहचान कर उनके अनुसार प्रतिक्रिया देने की क्षमता रखता है. यह माइन पानी के भीतर रखी जाती है और जैसे ही दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी इसकी सीमा में आते हैं, यह सटीक तरीके से हमला करती है.

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