'पानी रुकेगा तो दरिया में खून बहेगा', हाफिज सईद की धमकी का वीडियो वायरल; खौलेगा भारत का खून!

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने न केवल देश को गमगीन किया, बल्कि मोदी सरकार को तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के लिए भी प्रेरित किया.

    Hafiz Saeed threat video viral
    हाफिज सईद | Photo: X

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने न केवल देश को गमगीन किया, बल्कि मोदी सरकार को तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के लिए भी प्रेरित किया. इस हमले में निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान को उसके कायराना रवैये के लिए कड़ा सबक सिखाने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है और पाकिस्तान उच्चायोग के रक्षा व सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया है.

    “अगर पानी रुका, तो दरिया में खून बहेगा”

    भारत के इन सख्त फैसलों के बाद इस्लामाबाद में खलबली मच गई है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें आने वाले दिनों में भारत की प्रतिक्रिया से निपटने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है.

    इस बीच, पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क ने भी अपनी हरकतें तेज कर दी हैं. लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद का एक पुराना वीडियो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के माध्यम से फिर से वायरल कराया जा रहा है, जिसमें भारत को खुलेआम धमकी दी जा रही है—“अगर पानी रुका, तो दरिया में खून बहेगा.”

    अटारी-वाघा सीमा सील

    वहीं, पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद कसूरी ने खुद सामने आकर बयान दिया है. वह भारत के जवाबी कदमों से इतने घबराए हुआ हैं कि हमले में किसी भी तरह की अपनी भूमिका से इनकार कर रहा है. कसूरी का यह रुख दर्शाता है कि भारत की रणनीति ने आतंक के आकाओं तक संदेश पहुंचा दिया है.

    सीसीएस की ढाई घंटे चली मैराथन बैठक के बाद भारत सरकार ने अटारी-वाघा सीमा को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया. यह एकमात्र सक्रिय भूमि सीमा मार्ग था, जो अब पूरी तरह से सील कर दिया गया है. हालांकि, जो नागरिक वैध परमिट के तहत पाकिस्तान में हैं, वे 1 मई तक लौट सकते हैं.

     7 दिनों के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश

    विदेश सचिव ने भारत की पांच ठोस जवाबी कार्रवाइयों की जानकारी दी. इनमें सबसे अहम फैसला यह है कि पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है और उन्हें 7 दिनों के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, भारत ने भी इस्लामाबाद से अपने समकक्ष सलाहकारों को वापस बुला लिया है. दोनों ही देशों में इन पदों को अब ‘निरस्त’ माना जाएगा.

    मोदी सरकार के इन निर्णायक और सख्त कदमों ने यह साफ कर दिया है कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा. हर मोर्चे पर पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिलेगा—चाहे वह जल कूटनीति हो, सैन्य ताकत, या फिर कूटनीतिक स्तर पर सख्त कार्रवाई.

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