अमेरिका में काम करने वाले विदेशी पेशेवर जल्द ही देश छोड़ने की आवश्यकता के बिना अपने H-1B वीजा को रीन्यू कर पाएंगे. इस महत्वपूर्ण बदलाव से सैकड़ों हजारों व्यक्तियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनमें से कई भारत से हैं.
पायलट प्रोजेक्ट ने मार्ग प्रशस्त किया
2023 में अमेरिकी विदेश विभाग ने इस प्रक्रिया का परीक्षण करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया था. यूएस फेडरल रजिस्टर में लिस्टेड विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाले लगभग 20,000 पात्र प्रतिभागियों ने परीक्षण में भाग लिया था.
पायलट कार्यक्रम की सफलता
पायलट कार्यक्रम सफल साबित हुआ, जिसमें H-1B पेशेवरों द्वारा उठाई गई लंबे समय से चली आ रही चिंताओं का समाधान किया गया. पिछली प्रक्रिया में आवेदकों को वीजा स्टैम्पिंग के लिए अपने देश की यात्रा करने की आवश्यकता होती थी, एक ऐसी प्रक्रिया जिसके कारण अक्सर लॉजिस्टिक चुनौतियां होती थीं. इनमें अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की लागत, वीजा अपॉइंटमेंट के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि और काम पर लौटने में देरी शामिल थी.
इस नई योजना का लाभ
यह नई योजना अंतरराष्ट्रीय यात्रा की आवश्यकता को समाप्त करेगी, जिससे वीजा रीन्यू करने की प्रक्रिया अधिक कुशल और सुविधाजनक हो जाएगी. यह H-1B धारकों के लिए वेटिंग टाइम और संबंधित लागतों को काफी कम कर देगा. आपको बता दें कि एक प्रेस रिलीज में अमेरिकी विदेश विभाग ने पुष्टि की थी कि पायलट कार्यक्रम की सफलता ने 2025 तक एक स्थायी यूएस-आधारित योजना को लागू करने के प्रयासों को प्रेरित किया है.
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