नई दिल्ली: बजट पर एक जवाब में संसद को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री (एफएम) निर्मला सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विभिन्न सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट का आवंटन पिछले साल के बजट की तुलना में बढ़ा है और 2013-14 की तुलना में भी वृद्धि हुई है.
वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा, "सरकार का खर्च तेजी से बढ़कर 48.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है, यह 2023-24 में 7.3 प्रतिशत और 2023-24 के पूर्व-वास्तविक से 8.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है."
कृषि और संबद्ध क्षेत्र का आवंटन पिछले साल से 8,000 करोड़ रुपये ज्यादा
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का आवंटन 30,000 करोड़ रुपये था, जबकि अब यह 1.52 लाख करोड़ रुपये है. यह पिछले साल से 8,000 करोड़ रुपये ज्यादा है.
शिक्षा, रोजगार और कौशल क्षेत्र में, इससे पहले 2013-14 में 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे; अब यह 1.48 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल से 23 फीसदी ज्यादा आवंटन है, यानि पिछले साल से 28,000 करोड़ रुपये ज्यादा.
महिलाओं के लिए आवंटन पिछले साल से 96,000 करोड़ रुपये अधिक
महिलाओं और लड़कियों के लिए बजट आवंटन 2013-14 के 96,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वित मंत्री ने कहा कि इस साल मंत्रालय ने पिछले साल की तुलना में 96,000 करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए हैं.
बुनियादी ढांचे सहित ग्रामीण विकास में, बजट आवंटन 2013-14 में 87,000 करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष 2.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले वर्ष से इस आवंटन में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
शहरी विकास आवंटन पिछले साल से 7,000 करोड़ रुपये ज्यादा
2013-14 में शहरी विकास आवंटन केवल 12,000 करोड़ रुपये था, जबकि अब यह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है; यह पिछले साल से 7,000 करोड़ रुपये ज्यादा है.
वित मंत्री ने यह भी कहा कि सामाजिक समावेशिता और भौगोलिक समावेशिता बजट के दो मुख्य फोकस हैं. उन्होंने साझा किया कि खर्च तेजी से बढ़ गया है; यह अब 48.23 लाख करोड़ रुपये है.
स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 72,000 करोड़ से बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपये हुआ
स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च पर प्रकाश डालते हुए, वित मंत्री ने कहा कि खर्च 72,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपये हो गया है. सीतारमण ने कहा, "इसलिए बजट में कहीं भी पिछले वर्ष की तुलना में कम आवंटन नहीं दिया गया है."
सीतारमण ने यह भी कहा कि इस साल 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट में से सरकार ने पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. सीतारमण ने कहा, "48.21 लाख करोड़ रुपये में से 11.11 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए जाते हैं."
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