इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी और वर्तमान रक्षा विश्लेषक आदिल राजा ने एक गंभीर दावा किया है. उनका कहना है कि इस हमले की योजना पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा बनाई गई थी और देश के वरिष्ठ राजनीतिक नेतृत्व को भी इस संबंध में जानकारी थी.
'सेना का हाथ, नेताओं को भी जानकारी'
आदिल राजा ने एक भारतीय टेलीविजन चैनल से बातचीत के दौरान दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इस आतंकी घटना में सेना की संलिप्तता की जानकारी थी. राजा ने कहा कि भले ही नवाज शरीफ हाल के समय में भारत के साथ बेहतर रिश्तों की वकालत कर रहे हैं, लेकिन यह कहना कि वह इस ऑपरेशन से अंजान थे, सही नहीं होगा.
उनके अनुसार, "नवाज शरीफ उस पार्टी के वरिष्ठतम नेता हैं, जिसकी सरकार इस समय केंद्र और पंजाब दोनों में है. ऐसे में यह मानना मुश्किल है कि उन्हें इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी नहीं थी."
पहलगाम हमला क्यों हुआ?
राजा का दावा है कि यह हमला जनरल असीम मुनीर की व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षा का हिस्सा था. उन्होंने आरोप लगाया कि जनरल मुनीर देश में सत्ता पर दीर्घकालीन पकड़ बनाने की योजना बना रहे हैं और यह हमला उनके 'छवि निर्माण और प्रभाव विस्तार' के एजेंडे का हिस्सा हो सकता है.
राजा ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था में अतीत में भी ऐसा देखा गया है जब सेनाध्यक्षों ने राजनीतिक सत्ता में प्रभाव बनाए रखा चाहे वह जनरल अय्यूब खान हों या जनरल जिया-उल-हक.
नवाज शरीफ और 'कारगिल संदर्भ'
राजा ने अपने तर्क को बल देते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भी तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सटीक जानकारी नहीं दी गई थी. उन्होंने एक किस्सा साझा किया जिसमें उन्होंने कहा, "परवेज मुशर्रफ ने कारगिल का प्लान नवाज शरीफ को सिर्फ एक अनौपचारिक तरीके से बताया था, और जब युद्ध हुआ, तब नवाज शरीफ को स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा हुआ."
भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 26 नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद पाकिस्तान को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. भारत ने इस हमले को “सीमा पार प्रायोजित आतंकवाद” बताया है, जबकि पाकिस्तान सरकार ने इस आरोप से इनकार करते हुए निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की बात कही है.
कूटनीतिक स्तर पर असर
राजा जैसे रक्षा विश्लेषकों के बयानों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सैन्य संरचना के भीतर गहरी खींचतान है. इससे दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव और अधिक गहराने की आशंका जताई जा रही है.
ये भी पढ़ें- 'पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है...' खून बहाने की धमकी देने वाले बिलावल भुट्टो के क्यों बदले तेवर?