फेड की ब्याज दरों में कटौती- भारतीय सेंसेक्स, निफ्टी की उम्मीदों को लगे पंख, अमेरिकी शेयर बाजार लुढ़के

    नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी पहली बार 25,500 के पार चला गया, जबकि बीएसई का सेंसेक्स 83,684.18 पर पहुंच गया. निफ्टी बैंक ने भी 53,353 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ.

    फेड की ब्याज दरों में कटौती- भारतीय सेंसेक्स, निफ्टी की उम्मीदों को लगे पंख, अमेरिकी शेयर बाजार लुढ़के
    मुंबई के भारतीय शेयर सूचकांक की प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो.

    मुंबई : भारतीय शेयर बाजार ने अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती के फैसले के बाद गुरुवार को सकारात्मक रुख दिखाया है. इस आधार अंकर में 2020 के बाद पहली बार कटौती की गई है.

    नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी पहली बार 25,500 के पार चला गया, जबकि बीएसई का सेंसेक्स 83,684.18 पर पहुंच गया. निफ्टी बैंक ने भी 53,353 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ.

    गुरुवार को एनएसई निफ्टी 50 0.47 प्रतिशत और एसई सेंसेक्स 0.51 प्रतिशत ऊपर खुला.

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    कुछ कंपनियों के शेयर बढ़े, कुछ के नुकसान में दिखे

    एनएसई में कारोबार के शुरुआती घंटे में एलटीआईमाइंडट्री, एनटीपीसी, विप्रो, टेक महिंद्रा और इंफोसिस के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी रही.

    दूसरी ओर, सबसे ज़्यादा नुकसान ओएनजीसी और भारती एयरटेल को हुआ. मीडिया और तेल एवं गैस को छोड़कर सभी सूचकांकों के क्षेत्र हरे निशान में खुले.

    दुनिया भर के निवेशक अमेरिकी फेड द्वारा दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे थे. अमेरिकी फेडरल रिजर्व मौद्रिक नीति समिति ने संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा को 50 आधार अंकों से घटाकर 4.75 से 5.0 प्रतिशत करने का निर्णय लिया.

    अमेरिकी शेयर बाजार नीचे लगाया गोता

    अमेरिकी बाजारों में, फेड द्वारा दरों में कटौती के बाद शेयर नीच पहुंच गए. एसएंडपी 500 0.29 प्रतिशत गिरकर 5,618.26 पर आ गया, नैस्डैक कंपोजिट 0.31 प्रतिशत गिरकर 17,573.30 पर आ गया और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 103 अंक या 0.25 पेट्र प्रतिशत गिरकर 41,503.10 पर बंद हुआ.

    फेड के फैसले के बाद, निवेशक उभरती अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.

    एक्सपर्ट ने कहा- इस कटौती के बाद फेड को डेटा अभी इंतजार करना होगा

    श्रीराम एएमसी के वरिष्ठ फंड मैनेजर दीपक रामाराजू ने कहा, "यह कुछ बाजार के लिए एक आश्चर्यजनक था. इस 50 बीपीएस दर कटौती के साथ, फेड को अगला मौद्रिक निर्णय लेने से पहले आने वाले मैक्रो डेटा का इंतजार करना होगा.

    यह संभावना है कि भविष्य में दरों में कटौती कम हो सकती है और बढ़ सकती है. इससे इक्विटी बाजारों में अनिश्चितता बढ़ती रहेगी. इक्विटी बाजारों ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है और लाल निशान पर बंद हुए हैं."

    उभरती इकोनॉमी भी कर सकती हैं कटौती

    उन्होंने कहा, "हम उम्मीद कर सकते हैं कि व्यापक उभरती अर्थव्यवस्थाएं दर-कटौती के फैसले लेंगी. घरेलू मोर्चे पर, RBI डेटा पर ध्यान केंद्रित करेगा और दिसंबर या वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में दरों में कटौती कर सकता है. एफआईआई फ्लो कम समय में में बाहर जा सकता है और जैसे ही अमेरिकी डॉलर में नरमी आने लगेगी, फ्लो भारत में वापस आ सकता है. बाजारों के सकारात्मक होने के साथ सीमा में रहने की उम्मीद है."

    प्रॉफिट आइडिया के एमडी वरुण अग्रवाल ने कहा, "तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि हाल की सकरी सीमा से संभावित गलत डाउनसाइड ब्रेकआउट हो सकता है, जिससे कम सयम तक सोच सकारात्मक बनी रहेगी."

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