ED ने नहीं जताया कोई ऑब्जेक्शन- SC ने AAP नेता संजय सिंह को दी जमानत, वह राजनीतिक गतिविधियों में ले सकेंगे हिस्सा

    मामले में ईडी ने कहा कि उन्हें जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं है, जिस पर शीर्ष अदालत ने संजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

    ED ने नहीं जताया कोई ऑब्जेक्शन- SC ने AAP नेता संजय सिंह को दी जमानत, वह राजनीतिक गतिविधियों में ले सकेंगे हिस्सा

    नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और सांसद संजय सिंह को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उन्हें रियायत देने के बाद जमानत दे दी है. ईडी ने कहा कि उन्हें जमानत देने में कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया है. एजेंसी ने उन्हें दिल्ली शराब नीति में अनियमितताओं से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. वहीं आप ने इसे सत्य की जीत बताया है और बीजेपी की सारी साजिश धाराशायी होने की बात कही है.  

    गौरतलब है कि ईडी ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया है, उनकी हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. वहीं आप के एक नेता सत्येंद्र जैन भी अन्य मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर पहले से ही जेल  में हैं.

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    संजय सिंह के वकील ने कहा- ED ने कोर्ट से नहीं की बहस, कोई सबूत नहीं

    इस मामले में संजय सिंह के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, "...संजय सिंह को जमानत दे दी गई है. सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि उन्हें जमानत इसलिए दी गई है क्योंकि ईडी ने उनके मामले में बिल्कुल भी बहस नहीं की और जमानत स्वीकार कर ली. सुनवाई के दौरान यह सब स्पष्ट था और दोपहर के भोजन से पहले न्यायाधीशों द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया कि संजय सिंह के खिलाफ मामला बनाने के लिए कोई विश्वसनीय सामग्री नहीं है...ईडी ने अदालत के समक्ष इसे स्वीकार कर लिया है...''

    कोर्ट ने कहा- संजय सिंह मामले में न दें सार्वजनिक बयान

    मामले में ईडी ने कहा, "उन्हें जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं है, जिस पर शीर्ष अदालत ने संजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, यह स्पष्ट करते हुए कि कोर्ट ने मामले की मेरिट के आधार पर कुछ भी नहीं कहा है."

    न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने स्पष्ट किया कि सिंह, जमानत की अवधि के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के हकदार होंगे. पीठ ने यह भी कहा कि आदेश को मिसाल नहीं माना जाएगा. अदालत ने कहा कि सिंह को मामले के संबंध में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए.

    पूर्वाह्न सत्र में सुनवाई के दौरान पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से निर्देश प्राप्त करने को कहा था कि क्या सिंह की और हिरासत की आवश्यकता है. पीठ ने कहा, यदि कोई निर्देश नहीं हैं, तो एएसजी मेरिट के आधार पर बहस कर सकते हैं और मामले का निर्णय मेरिट के आधार पर किया जाएगा.

    दोपहर 2 बजे दोबारा बैठी पीठ, एएसजी तथ्य को बताया अजीबोगरीब

    दोपहर 2 बजे जब पीठ दोबारा बैठी तो राजू ने कहा, ''मेरिट पर गए बगैर, मैं जमानत मामले में अजीबोगरीब तथ्यों के आधार पर रियायत दूंगा. पीठ ने सिंह की ओर से वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद ईडी का रुख पूछा और कहा कि अनुमोदक (अप्रूवर)-दिनेश अरोड़ा द्वारा दोषमुक्ति संबंधी बयान दिए गए थे और कोई पैसा बरामद नहीं किया गया था. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ''कुछ भी बरामद नहीं हुआ है, कोई संकेत नहीं मिला है.''

    संक्षेप में कहें तो, संजय सिंह, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं, को ईडी ने 4 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली में उनके आवास पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था. केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि कारोबारी दिनेश अरोड़ा के एक कर्मचारी ने सिंह के आवास पर दो बार में 2 करोड़ रुपये पहुंचाए. सिंह की गिरफ्तारी अरोड़ा द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद हुई, जो बाद में ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में सरकारी गवाह बने. ईडी का दावा किया था कि उसके पास सिंह से पूछताछ के लिए डिजिटल सबूत हैं.

    दिल्ली हाईकोर्ट खारिज की थी जमानत याचिका

    दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल फरवरी में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली सिंह की याचिका खारिज कर दी गई थी.

    ऐसे में सुप्रीम कोर्ट गिरफ्तार सांसद द्वारा दायर दो विशेष अनुमति याचिकाओं पर सुनवाई की है. पहली याचिका मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ चुनौती, जबकि दूसरी जमानत याचिका पर.

    संजय की ओर से सिंघवी ने ये दी दलील

    आज सुनवाई के दौरान सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया कि सिंह के खिलाफ ईडी का पूरा मामला सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के बयान पर आधारित है, जिन्होंने वास्तव में सिंह का नाम लेने से पहले 9 दोषमुक्ति संबंधी बयान दिए थे. इस बात पर प्रकाश डाला गया कि अरोड़ा को ईडी की "अनापत्ति" पर जमानत दी गई थी, जबकि संबंधित अदालत ने टिप्पणी की थी कि ईडी "स्मार्ट खेल" खेल रही थी.

    सिंघवी ने आरोप लगाया कि इस अनापत्ति का इस्तेमाल, बाद में अरोड़ा द्वारा सिंह का नाम लेते हुए दिए गए धारा 50 के तहत बयान के लिए किया गया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंह द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के बाद ईडी ने प्रतिशोध की कार्रवाई शुरू की और कहा, उसके तुरंत बाद एजेंसी के अधिकारी उनके घर आए थे.

    वरिष्ठ वकील ने सिंह की गिरफ्तारी की जरूरत और अरोड़ा द्वारा दिए गए दोषमुक्त बयानों को "अविश्वसनीय दस्तावेजों" में डालने के ईडी के आचरण पर सवाल उठाया, जिसे सिंह देख या प्राप्त नहीं कर सकते हैं. उन्होंने इसे "न्याय का मखौल" बताते हुए कोर्ट से इस प्रथा को रोकने का अनुरोध किया.

    सिंघवी ने आरोप लगाया कि ईडी दिनेश अरोड़ा को जमानत दिलाने की कोशिश कर रहा था. दिनेश अरोड़ा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जिसके बाद उन्होंने पहली बार आरोप लगाया. इसके अलावा, अविश्वसनीय दस्तावेज़ हैं, जो कि न्याय का एक और मजाक है...क्या अभियोजन पक्ष के लिए इस बयान को अविश्वसनीय रखना उचित है? मैं इसे नहीं समझ सका. दिनेश अरोड़ा उनके प्रमुख गवाह हैं, वे उन्हें माफी वगैरह देते हैं. X पर भरोसा करने की, लेकिन Y पर नहीं, इस प्रथा को न्यायालय द्वारा रोका जाना चाहिए.

    न्यायमूर्ति खन्ना ने पूछा, "आपराधिक कार्यवाही शुरू करने से पहले इसे कुर्की का विषय भी बनाया जाना चाहिए था?"

    पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पीएमएलए कालेधन को जब्त करने के लिए है और वकीलों से यह जांच करने के लिए कहा (हालांकि वर्तमान मामले में सवाल नहीं उठ रहा है) कि क्या यदि कोई व्यक्ति रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा जाता है तो क्या उस पर पीएमएलए लगना चाहिए.

    तथ्यों के आधार पर, बेंच ने सिंह के पक्ष में 9 दोषमुक्त बयानों (दिनेश अरोड़ा द्वारा दिए गए) के साथ-साथ किसी भी पैसे की वसूली न होने के दावे को ध्यान में रखा. न्यायमूर्ति खन्ना ने टिप्पणी की, "कुछ भी बरामद नहीं हुआ है, कोई संकेत नहीं मिला है."

    इस लिहाज से, ईडी के वकील से कहा गया था कि क्या सिंह की और हिरासत की आवश्यकता है.

    AAP ने कहा- सत्य की जीत हुई, BJP की सारी कोशिश नाकाम होगी 

    आप ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "सत्य की जीत हुई ‼️ वो दिन दूर नहीं जब AAP के ख़िलाफ़ BJP की पूरी साज़िश धाराशाही होगी. इंक़लाब ज़िंदाबाद"

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा आप सांसद संजय सिंह को जमानत दिए जाने पर पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''...सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कैसे मान लिया जाए कि एक व्यक्ति ने 11 बयान दिए, आपने उसके 10 बयान नहीं माने और 1 बयान मान लिया जो कि संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई का बयान था और उन्हें जेल में डाल दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या कोई पैसा बरामद हुआ या कुर्की हुई. ईडी के पास इसका कोई जवाब नहीं है...आज लोकतंत्र के लिए बड़ा दिन है.

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा आप सांसद संजय सिंह को जमानत दिए जाने पर आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, ''आज भगवान हमारे साथ हैं, बजरंग बली हमारे साथ हैं, सत्य की जीत हुई है. हम शुरू से कह रहे थे कि यह पूरा मामला फर्जी है. बीजेपी दफ्तर में इसे तैयार किया गया है. करीब 500 छापेमारी के बाद भी एक पैसा भी बरामद नहीं हुआ. आज सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा, जब पैसे का कोई सुराग नहीं मिला तो हिरासत में रखने का क्या मतलब है..."

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