नई दिल्ली: साल 2025 का आर्थिक सर्वेक्षण शुक्रवार दोपहर को संसद में प्रस्तुत किया जाएगा, जो अगले दिन पेश होने वाले केंद्रीय बजट के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा.
परंपरा के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2 फरवरी को आर्थिक सर्वेक्षण का विस्तृत दस्तावेज प्रस्तुत करेंगी, जो देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को दर्शाता है. सर्वेक्षण को दोपहर 12 बजे लोकसभा में और 2 बजे राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाएगा.
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया जाता है, जिसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में बनाया जाता है. यह दस्तावेज 2024-25 वित्तीय वर्ष की अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं और संकेतकों का विश्लेषण करता है, और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है.
सर्वेक्षण अक्सर बजट के लिए टोन सेट करने का कार्य करता है और यह यह संकेत देता है कि सरकार का ध्यान किस क्षेत्र पर है या कौन सी नीतियों पर ज्यादा जोर दिया जाएगा.
आर्थिक सर्वेक्षण का इतिहास और विकास
पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था, जो पहले बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 1960 के दशक में इसे बजट से अलग कर दिया गया और इसे बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाने लगा. समय के साथ यह सर्वेक्षण भारत की आर्थिक प्रवृत्तियों और सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं को समझने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है.
2025 के लिए प्रमुख बातें
इस वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण भारत की वर्तमान अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रकाश डालने की संभावना है, जो धीमी वृद्धि और उपभोग की समस्या से जूझ रही है. नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, भारत की GDP वृद्धि 2024-25 में 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की 8.2% वृद्धि से कम है. सरकार ने GDP वृद्धि के अनुमान को किफायती रखा है, जो वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के प्रभाव को दर्शाता है. सर्वेक्षण यह भी बताएगा कि सरकार आर्थिक चुनौतियों के बावजूद विकास को कैसे बनाए रखने की योजना बना रही है.
हलवा समारोह
बजट से पहले एक महत्वपूर्ण परंपरा "हलवा समारोह" की है, जो केंद्रीय बजट दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत को चिह्नित करता है. इस वर्ष यह समारोह 24 जनवरी 2025 को हुआ था. इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री, मंत्री, सचिव और बजट तैयार करने में शामिल अधिकारी शामिल होते हैं. समारोह के बाद, बजट दस्तावेजों की छपाई शुरू होती है और वित्त मंत्रालय में कड़ी सुरक्षा लागू कर दी जाती है ताकि बजट के प्रस्तुत होने तक कोई लीक न हो.
बजट सत्र 2025
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी 2025 से शुरू होकर 4 अप्रैल 2025 तक चलेगा. केंद्रीय बजट 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत किया जाएगा. उसी दिन वित्त मंत्री 11 बजे लोकसभा में बजट प्रस्तुत करेंगी, जिसमें सरकार की वित्तीय नीतियों, राजस्व, व्यय प्रस्तावों और कर सुधारों का विवरण होगा.
1 फरवरी से एक दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी, जिसमें सरकार की प्राथमिकताओं का खाका पेश किया जाएगा. बजट प्रस्तुति के बाद संसद में विस्तृत चर्चा और बहस होगी, जिसके बाद बजट की मंजूरी और उसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी.
इस प्रक्रिया में एक कैबिनेट बैठक भी होती है, जो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बजट प्रस्तुति से पहले होती है, जिसमें मंत्रियों को बजट के बारे में जानकारी दी जाती है और कैबिनेट से मंजूरी ली जाती है.
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