नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल शराब नीति मामले (Excise Policy Case) में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत नहीं मिला. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने उनको जमानत देने से इनकार कर दिया है. इससे पहले पार्टी राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट वाले मामले में पहले से जूझ रही है. जिसका आरोप अरविंद केजरीवार के करीबी बैभव कुमार पर लगा है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शराब नीति मामलों में आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया. सिसोदिया ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में जमानत मांगी थी. सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद 26 फरवरी, 2023 से सिसोदिया हिरासत में हैं. इसके बाद उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.
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कस्टडी में सप्तार में एक दिन पत्नी से मिल सकते हैं सिसोदिया
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने आदेश सुनाया और कहा कि मामला सत्ता के गंभीर दुरुपयोग का है और इसका उद्देश्य ऐसी नीति बनाना था जो कुछ लोगों के लिए फायदेमंद हो और इसमें रिश्वत आ सकती हो. इस बीच कोर्ट ने मनीष सिसौदिया को सप्ताह में एक बार हिरासत में चल रही अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत दे दी थी.
मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली के 18 विभाग थे
बता दें कोर्ट ने यह भी कहा कि आवेदक मनीष सिसौदिया ने सबूतों को नष्ट करने में खुद को शामिल कर लिया था और इसलिए सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. उनके पास 18 विभाग थे और वह AAP के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम भी थे, इसलिए वह बहुत शक्तिशाली हैं.
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