नई दिल्लीः बाबासाहेब अंबेडकर पर अपनी टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विपक्ष द्वारा आलोचना के बीच भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कांग्रेस पर देश भर में निराधार झूठ फैलाने का आरोप लगाया. प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लगातार बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है.
'नेहरू के कार्यकाल के बारे में सब कुछ रिकॉर्ड में है'
प्रसाद ने एएनआई से कहा, "कांग्रेस देश में निराधार झूठ फैलाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने हमेशा भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है. उन्हें भारत के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था." नेहरू के कार्यकाल के बारे में सब कुछ रिकॉर्ड में है. अंबेडकर जी ने सब कुछ विस्तार से दर्ज किया है. अमित शाह ने बाबासाहेब अंबेडकर के खिलाफ उनके द्वारा की गई साजिशों को उजागर किया है. पिछले दो दिनों में संविधान पर बहस के दौरान, कांग्रेस के ऐतिहासिक कुकृत्यों का खुलासा हुआ है. वे अब उत्तेजित हैं और अमित शाह के बयानों की गलत व्याख्या कर रहे हैं.
शाह ने क्या कहा था?
शाह ने कहा कि विपक्षी नेताओं के बीच बीआर अंबेडकर का नाम लेना एक "फैशन" बन गया है. शाह ने कहा, "उन्होंने अंबेडकर का नाम जितनी बार लिया है, उतनी बार भगवान का नाम लिया होता, तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमित शाह की टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि शाह ने अंबेडकर का अपमान करने के कांग्रेस के "काले इतिहास" को उजागर किया है. मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस अब प्रस्तुत तथ्यों से "स्तब्ध" है. एक्स पर पोस्ट में पीएम मोदी ने सत्ता में अपने वर्षों के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों को सशक्त बनाने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना की.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, "संसद में अमित शाह जी ने डॉ. अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की उपेक्षा करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया. वे उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं, यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी का सहारा ले रहे हैं! उनके लिए दुख की बात है कि लोग सच्चाई जानते हैं. कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे बुरे अत्याचार उनके शासन में हुए. वे वर्षों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया."
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