बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर भड़के CM योगी, बोले- वहां भी वही हो रहा जो 1947 में हुआ था

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अंत अब तय है.

    बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर भड़के CM योगी, बोले- वहां भी वही हो रहा जो 1947 में हुआ था
    CM Yogi got angry over the violence in Bangladesh | ANI

    उत्तर प्रदेश : आज पूरे देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के हजरतगंज में आयोजित इस अवसर पर श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया. इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त बयान दिया और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

    सीएम योगी ने कहा, "जो 1947 में हुआ, वही आज पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान, जिसे अब बांग्लादेश कहते हैं, में हो रहा है. उस समय लाखों हिंदुओं का नरसंहार हुआ, और आज भी वहीं आगजनी, हिंसा, लूटपाट और महिलाओं पर अत्याचार जारी है.आखिर हम कब इतिहास की इन गलतियों से सबक लेंगे?"

    उन्होंने विभाजन की विभीषिका पर बात करते हुए कहा कि यह त्रासदी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि वह कौन से कारण थे, जिनकी वजह से एक प्राचीन सनातन राष्ट्र, जो हजारों वर्षों से एकजुट रहा, पहले गुलाम बना और फिर विभाजन की त्रासदी से गुजरा. विदेशी आक्रांताओं ने इस देश की परंपराओं और संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश की, और इस देश को गुलाम बना दिया.

    कांग्रेस पर सीएम योगी ने किया तीखा हमला

    कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए सीएम योगी ने कहा, "जब भारत स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा था और हमारे महान क्रांतिकारियों ने विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था, तब भी इस देश को विभाजन की त्रासदी का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के नेतृत्व की सत्ता की भूख ने इस देश को विभाजन की त्रासदी के रूप में एक ऐसा घाव दिया, जो आज भी आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के रूप में हमारे सामने है. अगर उस समय का राजनीतिक नेतृत्व दृढ़ता दिखाता, तो कोई ताकत भारत का विभाजन नहीं कर सकती थी. लेकिन सत्ता की लालसा ने देश को दांव पर लगा दिया."

    सीएम योगी ने आगे कहा, "14 अगस्त 1947 को विभाजन की पीड़ा चरम पर थी, और 15 अगस्त को जब पंडित जवाहर लाल नेहरू आजादी का जश्न मना रहे थे, तब लाखों लोग अपने परिवारों और मातृभूमि को छोड़ने पर मजबूर थे. यह यातनाएं और मानवीय अत्याचार किसी से छिपे नहीं हैं. जो भारत कभी विश्व का सबसे समृद्ध राष्ट्र था, वह 1947 तक एक गरीब देश में बदल चुका था."

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