इन दो नेताओं की जान का दुश्मन बना ईरान! मारकर ही लेगा दम; जानें किसने किया ये दावा?

    एक कट्टरपंथी ईरानी मौलवी अब्दुलमजीद खरगहानी के हालिया बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है. अपने एक इंटरव्यू में मौलवी ने दावा किया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या की योजना बनाई जा रही है.

    Cleric claims iran will kil trump and netanyahu
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    एक कट्टरपंथी ईरानी मौलवी अब्दुलमजीद खरगहानी के हालिया बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है. अपने एक इंटरव्यू में मौलवी ने दावा किया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या की योजना बनाई जा रही है, और इसके लिए बाकायदा फंडरेजिंग अभियान भी चल रहा है.

    1-2 करोड़ डॉलर का फंड जुटाने का दावा

    खरगहानी के अनुसार, यूरोप समेत कई देशों में 1 से 2 करोड़ डॉलर तक इस काम के लिए जुटाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह अभियान ट्रंप और नेतन्याहू को खत्म करने के उद्देश्य से चंदा इकट्ठा करने के लिए चलाया जा रहा है. मौलवी की यह बयानबाज़ी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है और इसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने गंभीरता से लिया है.

    “सिर्फ फौज नहीं, जनता भी उठाए हथियार”

    इस इंटरव्यू में मौलवी ने यह भी कहा कि केवल सैन्य बलों या सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि दुश्मनों को निशाना बनाया जाए, बल्कि आम जनता को भी इसमें भागीदारी निभानी चाहिए. उनका कहना है कि इस तरह के अभियान से “दुश्मन राष्ट्रों के नेता अपनी हदें समझेंगे और बोलने से पहले सोचेंगे.”

    कोई आधिकारिक ओहदा नहीं, पर कट्टरपंथी सोच का प्रतीक

    हालांकि अब्दुलमजीद खरगहानी की कोई आधिकारिक धार्मिक या राजनीतिक हैसियत नहीं है, न ही वे ईरान की मुख्यधारा के धर्मगुरुओं में शामिल हैं. इसके बावजूद, उनके विचार ईरान के कट्टरपंथी वर्ग की सोच को दर्शाते हैं और इन बयानों से ईरान की वैश्विक छवि को झटका लग सकता है.

    ट्रंप की टिप्पणी के बाद भड़का माहौल

    इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब 17 जून को डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई की लोकेशन का पता है, लेकिन फिलहाल वे उन्हें निशाना नहीं बनाएंगे. इस बयान के बाद ईरान में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली और देश के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्ला नासिर मकरम शिराजी ने एक फतवा जारी किया.

    फतवे में सीधे मौत की धमकी

    शिराजी ने कहा कि जो भी ईरान की धार्मिक व्यवस्था या उसके नेताओं को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा, वह “मोहारेब” कहलाएगा — यानी ईश्वर का दुश्मन  और उसे मौत की सजा मिलनी चाहिए. यह फतवा ट्रंप के बयान के तुरंत बाद आया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ईरान इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रहा है.

    IAEA प्रमुख को लेकर भी विवाद

    ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी एक और तनाव का कारण बना हुआ है. ईरानी राज्य मीडिया ने IAEA (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी) के प्रमुख राफाएल ग्रॉसी को “मोसाद का एजेंट” करार दिया है और चेतावनी दी है कि अगर वे ईरान की यात्रा करते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर फांसी दी जा सकती है. ईरान ने हाल ही में IAEA के साथ सहयोग को भी औपचारिक रूप से निलंबित कर दिया है, जिससे पश्चिमी देशों के साथ उसका टकराव और बढ़ सकता है.

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