'मनमोहन सिंह भारतीय उद्योग को दिशा देने वाले, अर्थिक सुधार के नेता थे', CII, FICCI ने जताया निधन पर गहरा शोक

    उन्होंने कहा, "2007 में सीआईआई की वार्षिक बैठक के दौरान भारतीय उद्योग के लिए 10 सूत्री सामाजिक चार्टर के साथ उनके विचारशील शब्द हमारी कई पहलों की नींव थे."

    'मनमोहन सिंह भारतीय उद्योग को दिशा देने वाले, अर्थिक सुधार के नेता थे', CII, FICCI ने जताया निधन पर गहरा शोक
    CII के एक कार्यक्रम में बोलने पहुंचे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह | Photo- @FollowCII के हैंडल से.

    नई दिल्ली : उद्योग संघों, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया है. सिंह भारत के आर्थिक सुधारों के नेता करार दिया.

    सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने डॉ. सिंह को एक विद्वान नेता और दूरदर्शी विचारक के रूप में सराहा, जिन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों को लीडरशिप दी.

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    बनर्जी ने मनमोहन सिंह को अर्थव्यवस्था का पथ प्रदर्शक करार दिया

    बनर्जी ने एक बयान में कहा, "सीआईआई भारत के पूर्व प्रधानमंत्री माननीय डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है. एक विद्वान, अनुभवी नेता और एनालिटिकल विचारक, उन्होंने अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में रास्ता दिखाने वाले सुधारों के साथ भारत इसके फिर उत्थान की अवधारणा बनाई. अपने दूरदर्शी लीडरशिप के साथ, उन्होंने भारत को विकास, सर्वांगीण विकास और वैश्विक जुड़ाव की एक नई यात्रा पर स्थापित की."

    उद्योग के साथ डॉ. सिंह के घनिष्ठ संबंधों पर प्रकाश डालते हुए, बनर्जी ने 2007 में सीआईआई की वार्षिक बैठक के दौरान उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया.

    भारतीय उद्योग के लिए उनके 10 सूत्री के सामाजिक चार्टर को बताया अहम

    उन्होंने कहा, "2007 में सीआईआई की वार्षिक बैठक के दौरान भारतीय उद्योग के लिए 10 सूत्री सामाजिक चार्टर के साथ उनके विचारशील शब्द हमारी कई पहलों की नींव थे."

    फिक्की ने भी संगठन के साथ डॉ. सिंह के अहम जुड़ाव को याद किया और उन्हें भारतीय उद्योग के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति बताया.

    फिक्की ने कहा, "डॉ. सिंह का फिक्की के साथ गहरा संबंध कई दशकों तक रहा. प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने औद्योगिक विकास और आर्थिक नीतियों पर अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया."

    2007 में फिक्की की 80वीं एजीएम में उनके संबोधन को याद करते हुए, उद्योग निकाय ने उनके प्रोत्साहन भरे शब्दों को उजागर किया.

    बयान में कहा गया, "उन्होंने 8 जनवरी, 2007 को हमारी 80वीं एजीएम में हमें हमारे मूलभूत मूल्यों की याद दिलाई और फिक्की को 'अपने संस्थापकों की भावना के साथ काम करना जारी रखने और उनके महान दृष्टिकोण और आकांक्षाओं के प्रति वफादार रहने' का मार्गदर्शन दिया."

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    फिक्की ने बताया सच्चा राजनेता, पब्लिक सेवा के प्रति अटूट समर्पण वाला

    फिक्की ने भी डॉ. सिंह के परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "राष्ट्र ने एक सच्चे राजनेता को खो दिया है. उनके सौम्य व्यवहार और सार्वजनिक सेवा के प्रति अटूट समर्पण की बहुत कमी खलेगी. उनकी विरासत हमेशा भारत की आर्थिक यात्रा का मार्गदर्शन करेगी."

    डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें अक्सर भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार (आर्किटेक्चर) के रूप में जाना जाता है, अपने पीछे सुधारों और दूरदर्शी नेतृत्व की एक स्थायी विरासत छोड़ गए हैं, जिसने देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिति को बदल दिया.

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