ग्वांगडोंग प्रांत में मच्छरों से फैलने वाली बीमारी चिकनगुनिया ने हाल के दिनों में न केवल स्वास्थ्य तंत्र को चुनौती दी है, बल्कि सरकार के कड़े कदमों ने निजता और नागरिक अधिकारों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालात इतने सख्त हैं कि कई लोग इसे कोरोना महामारी के दौर की "जीरो-कोविड" नीति की वापसी मान रहे हैं.
जहानजियांग शहर की एक महिला ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि रात के समय कुछ लोग including एक वर्दीधारी पुलिसकर्मी—बिना अनुमति उनके घर में घुस आए और सोते हुए उनके दो बच्चों के खून के नमूने ले गए. महिला, जो रात की शिफ्ट में काम करती है, घर लौटी तो यह घटना सामने आई.
आधी रात में घर में घुसकर बच्चों का ब्लड टेस्ट
उन्होंने अपना विरोध जताते हुए वीडियो पोस्ट किया, जो देखते ही देखते वीबो पर वायरल हो गया और 9 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि महिला के बेटे को बुखार था, जिसकी सूचना एक फार्मेसी से उन्हें मिली. उनका दावा है कि उन्होंने मां से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. हालांकि, जनता का गुस्सा इस बात पर है कि अभिभावक की सहमति के बिना बच्चों पर चिकित्सा कार्रवाई क्यों की गई. एक वीबो यूजर ने लिखा “ये बीमारी नियंत्रण नहीं, बल्कि बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन है.”
बढ़ते मामले और कड़े नियम
जुलाई से फोशान शहर समेत ग्वांगडोंग में 8,000 से अधिक चिकनगुनिया के मामले दर्ज हो चुके हैं. यह वायरस मच्छरों के जरिए फैलता है और बुखार, जोड़ों में दर्द, उल्टी और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण पैदा करता है. बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में यह अधिक खतरनाक साबित हो सकता है. ग्वांगडोंग के गवर्नर वांग वेइजोंग ने 4 अगस्त को सख्त नियंत्रण उपायों की घोषणा की, जिनमें शामिल हैं.
ड्रोन से मच्छर भगाने का प्लान
बुखार की दवा बेचने वाली फार्मेसियों को मरीजों की सूचना अनिवार्य रूप से देना. मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान. ड्रोन की मदद से मच्छर-जनित क्षेत्रों की पहचान. मच्छर के लार्वा खाने वाले "एलिफेंट मच्छरों" और मछलियों की तैनाती. अस्पतालों में मच्छरदानियों का उपयोग. संक्रमित मरीजों को कम से कम एक सप्ताह क्वारंटीन या तब तक अस्पताल में रखना जब तक रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए. गैर-सहयोगी परिवारों पर 10,000 युआन तक का जुर्माना या आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. कुछ मामलों में तो बिजली काटने तक की नौबत आई है.
जनता की नाराज़गी
चूंकि चिकनगुनिया इंसानों के बीच नहीं फैलता, कई लोग क्वारंटीन जैसे कदमों को बेवजह मान रहे हैं. वीबो पर एक टिप्पणी में लिखा गया—“मरीज दूसरों को काटने नहीं जा रहे, फिर क्वारंटीन का क्या मतलब?” कुछ निवासियों ने शिकायत की कि मच्छरों के प्रजनन स्थल हटाने के नाम पर उनके पौधे नष्ट कर दिए गए और घर में बिना इजाज़त प्रवेश किया गया.
वैश्विक चेतावनी
अमेरिकी CDC ने ग्वांगडोंग के लिए स्तर-2 यात्रा चेतावनी जारी की है, जिसमें मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने और गर्भवती महिलाओं को यात्रा न करने की सलाह दी गई है. WHO ने भी चेताया है कि 2004-05 जैसी महामारी की आशंका बनी हुई है, क्योंकि दुनिया की 5.6 अरब आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती है जहां यह वायरस फैल सकता है.
चीन में पहला बड़ा प्रकोप
2008 में पहला आयातित मामला और 2010 में ग्वांगडोंग में 250 स्थानीय मामले दर्ज हुए थे, लेकिन इस बार का प्रकोप पैमाने और असर दोनों में सबसे बड़ा है. विशेषज्ञों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन, तापमान में बढ़ोतरी और लगातार बारिश ने मच्छरों की संख्या में इजाफा कर दिया है, जिससे बीमारी पर काबू पाना और मुश्किल हो गया है.
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