इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ‘इज्जत के नाम पर’ दो जिंदगियों का बेरहमी से अंत कर दिया गया. एक महिला और पुरुष को कबीलाई पंचायत के फैसले के बाद गोली मार दी गई, और अब इस दर्दनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है.
मर्यादा की कीमत बनी दो जिंदगियां
मामला मई महीने का है, जब क्वेटा के पास एक सुनसान इलाके में महिला और पुरुष को गाड़ी से उतारकर मौत के घाट उतार दिया गया. बताया गया है कि दोनों का आपसी संबंध कबीले की परंपराओं के खिलाफ माना गया और इसे ‘इज्जत का सवाल’ बनाकर सज़ा सुनाई गई. इस हत्या के पीछे स्थानीय जिरगा (कबीलाई पंचायत) का फरमान था.
कैमरे में कैद हुई हैवानियत
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि हथियारों से लैस लोग SUV और पिकअप ट्रक से उतरकर महिला और पुरुष को गाड़ी से बाहर निकालते हैं. महिला को पहले कुरान की प्रति दी जाती है. फिर वह स्थानीय भाषा ब्राहवी में कहती है, "आओ, मेरे साथ सात कदम चलो, फिर तुम मुझे गोली मार सकते हो."
कुछ कदमों के बाद वह कहती है, "तुम्हें बस मुझे गोली मारने की अनुमति है, इससे ज्यादा कुछ नहीं."
इसके बाद उस व्यक्ति ने महिला को नजदीक से गोली मारी. महिला गिर जाती है, फिर तुरंत ही उस पुरुष को भी गोली मार दी जाती है. वीडियो में कुछ लोगों को शवों पर दोबारा गोलियां चलाते हुए भी देखा जा सकता है.
हत्या में महिला का भाई और कबीलाई नेता भी शामिल
इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक कबीलाई नेता भी शामिल है. पुलिस का कहना है कि यह हत्या योजनाबद्ध थी और ‘परंपरा’ का बहाना बनाकर अंजाम दी गई. जांच में सामने आया है कि महिला का भाई भी इस हत्या में शामिल था और फिलहाल फरार है.
दोनों मृतकों की पहचान बानो बीबी और एहसान उल्लाह के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि उन्हें सरदार शेरबाज़ खान के सामने पेश किया गया था, जिसने उनके रिश्ते को ‘अवैध’ बताते हुए उनकी हत्या का आदेश दिया.
सरकारी कार्रवाई और आलोचना
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने घटना की पुष्टि की और इसे मानवता के खिलाफ बताया. सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि मामले की जांच तेजी से चल रही है और और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
पुलिस अधिकारी सैयद सुबूर आगा ने बताया कि अब तक 8 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
ऑनर किलिंग का भयावह सच
पाकिस्तान में ऑनर किलिंग कोई नई बात नहीं है, लेकिन इससे जुड़े आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (SSDO) के अनुसार, सिर्फ 2024 में ही पाकिस्तान में 547 ऑनर किलिंग के मामले सामने आए. इनमें से 32 मामले बलूचिस्तान में हुए, लेकिन सिर्फ एक में सज़ा सुनाई गई.
मानवाधिकार आयोग (HRCP) के महासचिव हैरिस खालिक ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, "ये घटनाएं दर्शाती हैं कि पाकिस्तान के कई इलाकों में अब भी कानून नहीं, बल्कि कबीलों की सत्ता चलती है. राज्य ने न्याय और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने की बजाय, कबीलाई और सामंती व्यवस्था को संरक्षण दिया है."
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