BREAKING: कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दिया इस्तीफा; अब कनाडा में क्या होगा, कौन संभालेगा कुर्सी? जानिए सब कुछ

    कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपनी कुर्सी छोड़ दी है. देश को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वो प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

    Canada PM Justin Trudeau Resignation
    जस्टिन ट्रूडो | Photo: ANI

    कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपनी कुर्सी छोड़ दी है. देश को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वो प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं. आपको बता दें कि आज सुबह से ही कयास लगाए जा रहे थे कि ट्रूडो अपनी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं.

    कनाडा की राजनीति में क्या चल रहा है?

    ट्रूडो की लिबरल सरकार पहले से ही कमजोर स्थिति में थी, जिसने 2021 में जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के समर्थन से सितंबर 2025 तक चलने वाले समझौते के तहत पिछला चुनाव जीता था. लिबरल्स ने सरकार बनाने के लिए संसदीय बहुमत से बस थोड़ी कम सीटें हासिल की थीं और एनडीपी ने विश्वास प्रस्तावों और बजट वोटों के माध्यम से इसका समर्थन करने पर सहमति व्यक्त की थी.

    बदले में, लिबरल सरकार ने एनडीपी के प्रमुख नीतिगत मुद्दों, जैसे कि मुफ्त दंत चिकित्सा देखभाल, फार्मा-केयर कानून, और बाल देखभाल और श्रमिकों की सुरक्षा के प्रयासों के लिए लड़ने का वादा किया.

    हालांकि, पिछले सितंबर में एनडीपी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. पार्टी नेता जगमीत सिंह ने विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी को प्रभावी ढंग से चुनौती देने में विफल रहने के लिए ट्रूडो की आलोचना की थी. संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश करते हुए सिंह ने तब इस निर्णय का बचाव स्वास्थ्य सेवा और अन्य प्रकार की सार्वजनिक-वित्तपोषित सेवाओं में संभावित "रूढ़िवादी कटौती" को चुनौती देने की तैयारी के रूप में किया था. इतना ही नहीं, भारत के खिलाफ बयानबाजी को लेकर भी ट्रूडो की पार्टी के नेताओं ने उनका विरोध किया था.

    ट्रूडो के बाद अब आगे क्या?

    ट्रूडो के पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद एक अंतरिम नेता का चुनाव किया जाएगा जो पार्टी द्वारा नया नेता चुने जाने तक बाकी बचे कार्यकाल के लिए काम करेगा. दिसंबर में ग्लोब ने रिपोर्ट दी थी कि लिबरल पार्टी के कुछ सदस्यों द्वारा फ्रीलैंड को नेतृत्व के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है. 

    हालांकि, अगर इस महीने अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है, तो लिबरल पार्टी के एनडीपी के समर्थन के बिना हारने की संभावना है. सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए हाउस ऑफ कॉमन्स में 338 सदस्यों के बहुमत के समर्थन की आवश्यकता होगी, जो कि लिबरल पार्टी के पास फिलहाल नहीं है. ऐसे में समय से पहले चुनाव होने की संभावना है.

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