नई दिल्लीः संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना जरूरी है. सदन में गैर मर्यादित आचरण अनुचित है. इस पर स्पीकर ने कहा- इस सदन की बहुत मर्यादा है. उच्च परंपरा रही है. सभी माननीय सदस्य सदन में अपनी बात कहें, मर्यादा रखें. कोई ऐसी टिप्पणी ना करें जो सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है. हम और उच्च परंपरा की कोशिश करें. ऐसे शब्द हम एक्सपंज तो कर ही देते हैं लेकिन ऐसी कोई भी टिप्पणी अपने भाषण में न करें.
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, "संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते मैं फिर अपील करता हूं कि बजट सत्र में बजट पर चर्चा होनी चाहिए. विपक्ष किसानों, छोटे आदिवासियों के लिए किए गए प्रावधानों पर चर्चा क्यों नहीं करता? जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनादेश दिया है, आप इसका अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं. यह बिल्कुल ठीक नहीं है. बजट सत्र में बजट पर चर्चा होनी चाहिए.''
इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह जो आदेश देंगे, उसे सभी को मानना चाहिए. उन्होंने कहा, "इस सदन की एक मर्यादा है. उच्च परंपरा और परिपाटी रही है. मेरा सभी सदस्यों से आग्रह है कि वे सदन में अपनी बात रखें, चर्चा में भाग लें, लेकिन कोई ऐसी टिप्पणी न करें जो संसदीय परंपराओं के अनुकूल हो.
विपक्ष पर साधा निशाना
वहीं इससे पूर्व विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष बजट पर चर्चा ना करके जनादेश का अपमान करने का प्रयास कर रहा है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री को गाली देने में लगा हुआ है. प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तीजनक टिप्पणी की जा रही है.उन्होंने कहा कि कल बजट पर चर्चा का पहला दिन था. देश चाहता था कि बजट पर बहस हो लेकिन विपक्षी दलों ने कुछ ऐसे बयान दिए हैं. जिनकी हम निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हम सबको मिलकर काम करना होगा. लेकिन यह सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.
गाली दो राजनीति करो
केंद्रीय मंत्री रिजेजू ने विपक्ष पर वार करते हुए आगे कहा कि विपक्ष इस समय दो ही काम कर रहा है गाली और राजनीति करने का काम. जबकि होना ये चाहिए की बजट पर चर्चा हो रही है तो चर्चा ही होनी चाहिए. रिजिजू ने कहा कि ये बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए है, लेकिन विपक्ष को मध्यम वर्ग, महिलाएं और अन्य वर्गों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है